पटना। डॉ रवि प्रकाश ने बांग्ला देश में आयोजित डब्ल्यूएफयूएमबी वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ अल्ट्रासाउंड इन मेडिसिन एन बायोलॉजी में ब्रेस्ट इलास्टोग्राफी पर एड पेपर प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि इलास्टोग्राफी एक नाजुक सॉफ्टवियर के साथ अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ की जाती है,जो बहुत नए आविष्कार 2003 में किया गया था। उन्होंने स्तन अल्ट्रासाउंड और मैमोग्राफी की तुलना में स्तन इलास्टोग्राफी के महत्व को समझाया है।जो अब स्तन ट्यूमर के घातकता को दूर करने के लिए नियमित आधार पर किया जाता है। डॉ प्रकाश ने बताया कि कैसे इलास्टोग्राफी स्तन ट्यूमर और घातकता, कठोरता की जानकारी देती है।इसके आसपास की संरचनाओं पर स्थानीय आक्रमण को जानने के लिए और यह तय करने के लिए कि किस उपचार की आवश्यकता है,इसकी जानकारी भी मिलती है कि ट्यूमर का इलाज कैसे किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि स्तन कैंसर दुनिया भर में महिलाओं में सबसे खतरनाक रोग है। स्तन इलास्टोग्राफी बहुत आसान अल्ट्रासाउंड तकनीक है, जो जानकारी देती है कि घाव के प्रबंधन के लिए आगे की योजना बनाने से अनावश्यक स्तन एफएनएसी से भी बचा जा सकता है।
ब्रेस्ट इलास्टोग्राफी अनुभवी डॉक्टर से कराई जा सकती है।
इस शैक्षणिक प्रयास में विभिन्न देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं।जापान, कोरिया, सिंगापुर,हांगकांग,वियतनाम सहित दुनिया के देशों ने अलग-अलग विषय पर अपने विचार रखे हैं। डॉ. रवि प्रकाश ने भारत से प्रतिनिधित्व किया और अपने काम पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने ब्रेस्ट इलास्टोग्राफी पर एक कार्यशाला भी की है और विभिन्न हिस्सों के डॉक्टरों को ब्रेस्ट इलास्टोग्राफी के टिप्स दिए हैं।