अग्नि से सुरक्षा के प्रति नाटक के माध्यम से किया जागरूक

फुलवारी शरीफ। सर्वमंगला सांस्कृतिक मंच के साप्ताहिक नुक्कड़ नाटक की श्रृंखला में महेश चौधरी द्वारा लिखित एवं मिथिलेश कुमार पांडे निर्देशित नाटक “अग्नि सुरक्षा” की प्रस्तुति वाल्मी फुलवारी शरीफ में की गई।
नाटक की शुरुआत सौरभ राज के स्वरबद्ध गीत- फुसवा के घरवा में अगिया जे लागी‌ त कईसे बुझाईव ए भईया जी घरवा में बालू औरी मिट्टीया के बोड़वा से भरी के रखिईह ए बहिनी…. से हुई।
इस नाटक के माध्यम से यह दिखाया गया कि गर्मी शुरू होते ही अग्नि सुरक्षा के प्रति लापरवाही के कारण कई लोगों का आशियाना छिन गया। उनकी वर्षों की जमा पूंजी भी स्वाहा हो गई। गृहस्थी चलाने का सामान, खाने-पीने के चीजों के पैसे तक नहीं बचे। इससे सतर्कता ही बचाव है इसलिए ऐसा करें कि दिन का खाना 9:00 बजे सुबह से पहले और रात का खाना शाम 6:00 बजे के बाद ही बना लें तथा चूल्हे की आग को पूरी तरह से बुझा दे यदि फुस का घर हो तो उसके टाट पर मिट्टी का लेप चढ़ा दे। आग बुझाने के लिए एक बड़े ड्रम में पानी हमेशा भरकर रखें तथा एक-दो जुट के बोड़े को पानी में भीगाकर रख ले। शॉर्ट सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय-समय पर जांच कराए। हवन का काम सुबह में ही कर लें। अगर कपड़ों में आग लगे तो जमीन पर लेट कर- लुढ़क कर बुझाने का प्रयास करें। डिबरी, लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगह पर ना रखें जहां से गिरकर आग लगने की संभावना हो। जलती हुई माचिस की तिल्ली अथवा अधजली बीड़ी एवं सिगरेट पीकर इधर-उधर ना फेके। सार्वजनिक जगहो ट्रेनों एवं बसों आदि में ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा न करें। खेत में छोड़े गए डंठलो में आग नहीं लगाएं। तेज हवा के समय भोजन कभी भी ना बनाएं और पॉलिएस्टर के कपड़े पहनकर खाना ना बनाएं। अगलगी की घटनाओं को रोकने के लिए हमेशा जागरूक रहें। नाटक के कलाकार- महेश चौधरी, मिथिलेश कुमार पांडे ‘ अशोक कुमार श्रीवास्तव, सौरभ, अमन, करण, नमन, रोहित, रूपाली, वीर, रिशु, अंजनी कुमार एवं देव दर्शन थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *