जाति गणना कराने वालों ने 74% अति पिछड़े व पिछड़े मुसलमानों की अनदेखी की: कमाल अशरफ राइन

अगर भाजपा ने मुसलमानों को गले लगाया तो यकीनन मुसलमान भी भाजपा से जुड़ने लगेंगे

पटना। जिन्होंने बिहार में जाति आधारित गणना कराकर ऐतिहासिक कार्य किया, उन्होंने ही गणना के अनुसार 74% अति पिछड़े व पिछड़े मुसलमानों की अनदेखी की एवं उनके साथ नाइंसाफी व अन्याय किया।
उक्त बातें सोमवार को पटना में एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बैकवर्ड मुस्लिम मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमाल अशरफ राइन ने कही।
श्री अशरफ ने कहा कि विगत दिनों महागठबंधन द्वारा आयोजित जन विश्वास रैली को अति पिछड़े व पिछड़े मुसलमानों ने नकार दिया। गठबंधन विशेषकर राजद नेताओं ने उससे सबक नहीं सीखा। उन्होंने कहा कि गणना के अनुसार 14% यादवों के वोट पर सबकी नजर है। राजद ने एक यादव को राज्यसभा, एक यादव को विधान परिषद भेजा तो माले ने भी यादव को विधान परिषद भेजा, तो दूसरी तरफ भाजपा ने यादव को बिहार विधानसभा का स्पीकर बनाया तो जनता दल युनाइटेड ने भी डिप्टी स्पीकर बना दिया। उन्होंने कहा कि यह तय है कि यादवों का वोट किसी एक सियासी पार्टी को नहीं मिलेगा। इनका वोट बंटेगा मगर एकजुट होकर वोट देनेवाले अति पिछड़े व पिछड़े मुसलमानों को नजरंदाज करना महागठबंधन नेताओं को मंहगा साबित होगा। उन्होंने कहा कि सवर्ण (अगड़े) मुसलमान रैलियों में भीड़ लगाना तो दूर वोट देने के लिए भी घर से कम निकलते हैं, मजहबी एदारों में इनका कब्जा है। सब एक-दूसरे के रिश्तेदार हैं और वहीं बैठकर सारा लौबिंग करते हैं, पहले 2018 में दीन बचाओ रैली के नाम पर अति पिछड़े व पिछड़े मुसलमानों को दिग्भ्रमित कर सवर्ण मुसलमान खालिद अनवर को एमएलसी बनवा दिया तो इस दफा ऑल इण्डिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष खालिद सैफुल्लाह रहमानी ने प्रतिनिधिमंडलों के साथ जनता दल युनाइटेड के नेतृत्व को गुमराह कर दोबारा परिषद की सीट हासिल कर ली, जबकि 2020 विधानसभा चुनाव में इनसे पार्टी को कोई लाभ नहीं हुआ और मजहबी एदारें अपने लोगों को तो हिस्सेदारी सबसे दिला देते हैं मगर वोट देने की अपील सिर्फ महागठबंधन के लिए करते हैं, राजद ने भी राज्यसभा में इन्हें जीरो कर दिया तो विधान परिषद में दो सीटें दिया और दोनों सवर्ण मुसलमानों को दिया। एक सेख और दूसरा सैय्यद जबकि सैय्यद की संख्या पूरे बिहार में तीन लाख भी नहीं है। उन्होंने कहा कि अबतक राजद ने कुल पन्द्रह एमएलसी बनाया है जिनमें छह हिन्दू, तीन मुस्लिम सवर्ण (अगड़े) हैं तो तीन यादव, एक दलित, एक बनिया, पिछड़े में सिर्फ यादव और अति पिछड़े नदारद हैं।कहने को तो श्रीमती उर्मिला ठाकुर अति पिछड़े जाति से आती हैं मगर उनके पति यादव हैं।
श्री अशरफ ने कहा कि राजद का ” माई- ए टू जेड -बाप ” सारा नारा बकवास है। यह सिर्फ हिन्दू मुस्लिम सवर्ण एवं परिवार की पार्टी है। उन्होंने कहा कि मोर्चा को ऐसी आशंका है कि लोकसभा चुनाव में भी महागठबंधन और राजद मुसलमानों को आबादी के अनुपात में टिकट नहीं देगी एवं पिछड़े व अति पिछड़े मुसलमान यहां भी नदारद रहेंगे। उन्होंने कहा कि सियासी पार्टियों के इन रवैय्यों और हकतलफी करने से मजबूर होकर अति पिछड़े व पिछड़े मुसलमान अपनी सियासी पार्टियों का गठन करेंगे। उन्होंने कहा कि 4% कुशवाहा, 3% कुर्मी, 5% पासवान, 2% से भी कम मांझी-सहनी आदि अपनी सियासी पार्टी बना सकते हैं तो फिर 74% अति पिछड़े व पिछड़े मुसलमान क्यों नहीं? उन्होंने कहा कि अपना वोट, अपनी झोली,अपना नेता।
मोर्चा नेता असगर अली खान ने कहा कि जिस तरह भाजपा ने सोशल इंजीनियरिंग किया है अपने हिन्दुत्व के एजेंडे को ध्यान में रखते हुए साथ में सामाजिक न्याय और समाजवाद का नारा लगाने वालों को भी सबक सिखा दिया है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से भाजपा ने भारत रत्न दिया और मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान के बाद बिहार में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, स्पीकर, राज्यसभा, विधानपरिषद आदि में हिस्सेदारी दी है उसने पिछड़ों की सियासत करने वालों को बढ़िया सबक सिखाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा को चाहिए कि वह अब मुसलमानों से नफ़रत भी खत्म करें, उन्हें गले लगाएं भारतीय मुसलमान कोई विदेशी नहीं हैं भारत के ही वर्षों पहले धर्म परिवर्तित मुसलमान हैं जो भारत के लोगों, अपने बहुसंख्यक भाईयों के सेवक हैं, भंगी गिरी, पासी गिरी, मोची गिरी, कचरा उठाना, सफाई करना, मीट, अण्डा, सब्जी,चिकन बेचना, रिक्शा,ठेला, आटो चलाना आदि छोटे छोटे कामों को कर के ये अपनी जीविका चलाते हैं। उन्होंने कहा कि आजादी के पहले मुस्लिम लीग और कांग्रेस थी तब कांग्रेस का रवैया भी मुसलमानों के प्रति ठीक नहीं था बाद में कांग्रेस ने अपने रवैए में बदलाव लाया। मुसलमान लम्बे अरसे तक कांग्रेस को सपोर्ट करते रहे हैं। अगर भाजपा ने भी बदलाव किया और मुसलमानों को गले लगाया तो यकीनन मुसलमान भी भाजपा से जुड़ने लगेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मो रफीक आलम जमाली, जमील अख्तर अंसारी,मो मुश्ताक आजाद, मो नसीर अहमद आदि मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *