‘अड़ी सरकार, डटे किसान’

PATNA, KHAGAUL(BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)| सम्पूर्ण कल्याण विकास समिति (सकविस) की साप्ताहिक नुक्कड़ नाट्य श्रृंखला (प्रत्येक रविवार) की 392 वीं कड़ी में ज्ञानी प्रसाद द्वारा लिखित एवं निर्देशित नुक्कड़ नाटक ” अड़ी सरकार डटे किसान” की सफल प्रस्तुति स्थानीय दल्लुचक बाजार, खगौल में की गई.


नाटक की शुरुआत लक्ष्मण अकेला द्वारा लिखित एक गीत-“पेट भरू सबका खुद भूखा सोउं, मन ही मन घुट-घुट मैं रोउं..
से होती है.

नाटक नये किसान बिल पर केन्द्रित रहा. सरकार लाख दावा करे कि 2022 तक किसानों की आय दुगनी होगी, लेकिन सच यह है कि सरकार के पास इससे संबंधित कोई स्पष्ट आंकड़े मौजूद नहीं हैं. भारत का खाद्यान्न उत्पादन प्रत्येक वर्ष बढ़ रहा है फिर भी किसानों की स्थिति आज दयनीय है.

नाटक में किसान कृषि बिल को लेकर दो फाड़ में बंटे हुए दिखते हैं. कुछ का कहना है कि नये कृषि कानून से उनकी मौजूदा सुरक्षा छीन जाएगी. इस पर हरिया चाचा बोलते हैं कि -“बेटा यह सरकार क्या चाहती हमरा खूब समझ में आ रहा है यह सरकार एमएसपी से छुटकारा चाहती है. ” मोहन- “चाचा नये कानून से किसानों को ज्यादा विकल्प मिलेगा, अपने मन मुताबिक कीमत मिलेगा. गांव में आज भी हमारे किसानों के पास आधुनिक खेती के लिए ढांचागत शून्यता है. नई नीति लागू होने से युवाओं को रोजगार का अवसर प्राप्त होगा.

हरिया चाचा- बेटा हम छोटे किसान कर्ज में जन्म लेते हैं और कर्ज में ही मर जाते हैं. बहत्तर साल से देख ही रहे हैं. मोहन- दो चार साल इस कानून को भी देख लो चाचा! विरोध में क्या रखा है?
हरिया चाचा- हम गरीब किसान खेती करेंगे कि विरोध करेंगे, वहां दिल्ली में बड़का-बड़का …. .

नाटक के अंत में संस्था के महासचिव ज्ञानी प्रसाद ने अपने संबोधन में कहा कि किसानों का शांतिपूर्ण आंदोलन थोड़ा पेंचीदा हो चुका है, अच्छी बात यह है कि आठवें दौर की बात विफल होने के बाद भी दोनों पक्षों की ओर से कोशिशें जारी है. आप लोगों से अपील है किसी के बहकावे में ना आऐंगे, कोई भी निर्णय लेने से पहले देशहित का ख्याल जरूर रखें.

नाटक के कलाकारों में:-चन्द्रदेव प्रसाद, सुरेश विश्वकर्मा, ज्ञानी प्रसाद, देवानंद, सूरज कुमार, ललित किशोर प्रणामी, लक्ष्मण अकेला, सिकंदर राम। अतिथि के रूप में सुजीत सिंह “गुड्डू” किसान मोर्चा के प्रदेश पदाधिकारी, अशोक कुमार “कुणाल” आदि मौजूद थे.

रंजीत सिन्हा की रिपोर्ट

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