पटना। कई वर्षों तक प्रयास करने के बाद भी जब दम्पति प्राकृतिक गर्भधारण नहीं कर पाते हैं तो वे आईवीएफ की ओर कदम बढ़ाते हैं। ज्यादातर लोगों की यह धारणा है कि आईवीएफ उपचार महंगा है और इसे इंश्योरेंस में शामिल किया जाना चाहिए। बिहार में निःसंतानता के उपचार के लिए प्रतिबद्ध इन्दिरा आईवीएफ पटना हॉस्पिटल के दस वर्ष सफलतापूर्वक पूर्ण होने पर 8 दिवसीय महाउत्सव का आयोजन किया जा रहा है। विभिन्न सामाजिक सरोकार व जनचेतना कार्यक्रम किये जा रहे हैं इसी कड़ी में शनिवार को आईवीएफ को इश्योरेंस में शामिल करने पर चर्चा की गयी। समारोह में पदमश्री शांति रॉय, आईवीएफ़ स्पेशलिस्ट डॉ. हिमांशु रॉय, डॉ. सारिका रॉय और डॉ दिवाकर तेजस्वी ने अतिथि के रूप में शिरकत की और चर्चा में भाग लिया और एक मत होकर कहा कि आईवीएफ इंश्योरेंस में शामिल किया जाना चाहिए ताकि आम दम्पती भी इस उपचार का लाभ ले सके।
डॉ. शांति रॉय ने इन्दिरा आईवीएफ को बधाई दी और कहा कि 10 वर्षों तक उच्च सफलता दर बनाए रखना आसान नहीं होता है। इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप ने सभी हॉस्पिटल्स में समान उपचार प्रोटोकॉल फोलो किया है इस कारण हर हॉस्पिटल में विश्वस्तरीय उपचार मिल पाता है।
डॉ. हिमांशु रॉय ने कहा कि इश्योरेंस में कई तरह की बीमारियां कवर होती हैं लेकिन अभी तक आईवीएफ को शामिल नहीं किया गया है। अगर आईवीएफ को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो उपचार को अपनाने वाले दम्पतियों की संख्या काफी बढ़ेगी।
डॉ. सारिका रॉय ने कहा कि निःसंतानता का दर्द झेल रहे दम्पतियों के लिए आईवीएफ का खर्च वहन करना आसान नहीं होता है। आईवीएफ को इंश्योरेंस में शामिल कर लिया जाएगा तो दम्पतियों पर एक साथ आर्थिक बोझ नहीं पड़ेगा।
डॉ. दिवाकर तेजस्वी ने कहा कि इन्दिरा आईवीएफ ने रियायती दरो में देश के दूरदराज के क्षेत्रों में निःसंतानता उपचार पहुंचा कर दम्पतियों के लिए लम्बी यात्रा की समस्या को समाप्त कर दिया है।
इन्दिरा आईवीएफ पटना व बिहार हेड डॉ. दयानिधि ने बताया कि इन्दिरा आईवीएफ ने अपनी स्थापना के साथ ही दम्पतियों को कम दामों में श्रेष्ठ फर्टिलिटी उपचार उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा और इस दिशा में लगातार कार्य किया जा रहा है। दम्पती को एक साथ आईवीएफ ट्रीटमेंट का खर्च वहन नहीं करना पड़े इसके हमने आईवीएफ में ईएमआई की सुविधा भी प्रदान की है। आईवीएफ को अफोर्डेबल बनाने का एक तरीका इंश्योरेंस है लेकिन इसके लिए कोई इंश्योरेंस कवर उपलब्ध नहीं है। विदेशों में खासतौर पर अमेरिका में कुछ बड़ी कंपनियों ने अपने एम्पलॉयी इंश्योरेंस प्लान में इसे शामिल किया है। भारत में भी इस दिशा में काम किया जाना चाहिए ताकि दम्पती खर्च की अधिकता के कारण आईवीएफ उपचार से वंचित नहीं रहें।