खगौल पीएचसी में नियुक्त डॉ के बेटे का IFS में चयन,दूसरे प्रयास में हासिल किया मुकाम

फुलवारी शरीफ। बिहार के पटना जिले के खगौल पीएचसी में पदस्थापित एक डॉक्टर के बेटे ने कमाल कर दिया है. फराज जहीर ने 31 वर्ष की उम्र में UPSC की परीक्षा क्लियर कर भारतीय वन सेवा (IFS) में चयन पाया है. बेटे के इस मुकाम पर पहुंचने पर परिजनों में खुशी की लहर है. आसपास के लोग बधाइयां देने घर पहुंच रहे हैं.

पिता डॉ मो.जहरूद्दीन ने बताया कि बेटा जब छोटा था तो मेरा सपना था कि वो IAS बने और देश के लिए कुछ कर सके, उसने अपनी जी तोड़ मेहनत से यह कर दिखाया. उसकी 105वीं रैंक आयी है. बेटे की इस कामयाबी से परिजनों में एक अलग सा माहौल देखने को मिला है. बेटे फराज जहीर का कहना है कि जब मुझे पता चला कि मेरा सेलेक्शन हो गया तो मेरे आंखों में आंसू आ गए.

पटना जिले के फुलवारी शरीफ इलाके के टमटम पड़ाव के रहने वाले डॉ मो.जहरुद्दीन पीएचसी खगौल में पदस्थापित हैं. उनके 31 वर्षीय बेटे फराज जहीर ने भारतीय वन सेवा IFS में 105वीं रैंक हासिल कर परिवार सहित पूरे जिले का नाम रौशन किया है. पिता ने बताया कि बेटा शुरू से ही पढ़ने में होशियार था. मेरा सपना था कि बेटा अफसर बने और देश के लिए कुछ कर सके. उसने हमारे सपनों को पूरा किया. हम बहुत ही खुश हैं.
फराज जहीर ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा जीवन दीप पब्लिक स्कूल नवादा से हुई है. कक्षा 12 वीं की पढ़ाई उन्होंने रांची के डीएवी कपिलदेव से की. इसके बाद आईआईटी रूड़की से 2014 में BTech किया. इसके बाद 2018 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की रेजिडेंशियल कोचिंग (यूपीएससी) अकादमी में आकर तैयारियों में जुट गए. यही से पेपर देना शुरू किया.

फराज जहीर ने बताया कि उनका शुरू से सपना IAS बनने का था. उन्होंने पहले सिविल सेवा परीक्षा में दो बार प्रयास किया लेकिन सफलता नही मिली। इसके बाद दो बार के प्रयास में ऑल इंडिया फॉरेस्‍ट सर्विस में उनका सेलेक्शन हो गया. उनका कहना है कि स्टूडेंट किसी के दबाव में इस फील्ड में न आएं. यदि आएं तो मेहनत करें, सफलता जरूर मिलेगी.

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