गुरु और शिक्षक: समाज सुधार और उन्नति के मार्गदर्शक

पटना। शिक्षक दिवस के अवसर पर इन्दिरा आईवीएफ पटना में एक विशेष और प्रेरणादायक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें योग साधना और जीवन में गुरुओं के महत्व पर गहन चर्चा की गई। समारोह का आयोजन इन्दिरा आईवीएफ पटना हॉस्पिटल की स्थापना के दस वर्ष सफलतापूर्वक पूरे होने के उपलक्ष्य में विभिन्न कार्यक्रमों की श्रृंखला के तहत किया गया, इसी कड़ी में 8 सितम्बर को भजन सम्राट अनूप जलोटा और लोकगायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत अपनी प्रस्तुतियां देंगे।
मुख्य अतिथि स्वामी प्रज्ञानंद सरस्वती ने कहा कि, “योग केवल शरीर की सेहत के लिए नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक शांति के लिए भी अत्यंत आवश्यक है। गर्भावस्था के दौरान नियमित योग और ध्यान न केवल माँ के लिए, बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए भी वरदान साबित होता है।

डॉ. दयानिधि कुमार, इन्दिरा आईवीएफ पटना एवं बिहार हेड ने इस अवसर पर कहा, “गुरु का जीवन में वही स्थान है जो गर्भावस्था में माँ का शिशु के लिए होता है। जैसे शिक्षक हमें सही दिशा दिखाते हैं, उसी तरह गर्भवती माँ के सकारात्मक विचार और योग साधना शिशु के भविष्य का निर्माण करते हैं। इन्दिरा आईवीएफ में हम न केवल गर्भवती माताओं की शारीरिक देखभाल पर ध्यान देते हैं, बल्कि उन्हें मानसिक और आत्मिक संतुलन के महत्व से भी अवगत कराते हैं, ताकि वे एक स्वस्थ और सशक्त शिशु को जन्म दे सकें।“

बिरेंद्र कुमार (विधायक रोसड़ा) ने गुरु के महत्व पर बल देते हुए कहा, “गुरु जीवन का पथप्रदर्शक होता है, जो हमें जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाता है।
डॉ. ज्ञानेन्द्र कुमार,निदेशक, अपोलो डेंटल समस्तीपुर ने अपने विचार रखते हुए कहा, “शिक्षक केवल ज्ञान नहीं देते, वे हमें जीवन की सच्चाई से भी रूबरू कराते हैं ।
इस कार्यक्रम में डॉ. सुनीता कुमारी, डॉ. रीना रानी, डॉ. ऋतिका प्रकाश, डॉ. अनुजा मिश्रा, डॉ. प्रगति भारती, डॉ. पूजा शिंदे, डॉ. अनामिका, डॉ. पुनीत हंस, डॉ. ममता कुमारी, डॉ. शिप्रा भारती, डॉ. अनिमेष कुमार और अस्पताल के समस्त स्टाफ ने सक्रिय रूप से भाग लिया।

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