RANCHI (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|
अनुराग की रिपोर्ट
झारखंड में कोरोना के संक्रमण की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। बीते एक सप्ताह में संक्रमण का प्रसार लगभग पूरे राज्य में हो चुका है। चिंता की बात यह है कि सूबे में संक्रमण दर में गुणात्मक वृद्धि हो रही है। हाल यह है कि रांची समेत राज्य के छह जिलों में संक्रमण की दर या तो खतरनाक स्तर के करीब है या उस लाइन को पार कर चुकी हैं। बोकारो ऐसा जिला है जहां संक्रमण दर 10 फीसदी के पार पहुंच गई है। यहां य दर 10.86 प्रतिशत पाई गयी। रांची की संक्रमण दर 4.91, हजारीबाग 5.01, कोडरमा 5.74 व रामगढ़ की संक्रमण दर 5.00 प्रतिशत पाई गयी है। इसके अलावा लोहरदगा में 3.08, खूंटी में 2.53,धनबाद 1.74, देवघर 1.72, पूर्वी सिंहभूम 1.43, जामताड़ा 1.04 व पश्चिमी सिंहभूम में 1.09 प्रतिशत संक्रमण मिल है। जबकि, जिलों में 1 प्रतिशत से कम एवं तीन जिलों में 00 पॉजिटिविटी मिली है।
कई जिलों में केवल रैट के सहारे जांच
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ साथ स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव लगातार आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने की हिदायत दे रहे हैं। लगातार कहा जा रहा है कि कोरोना नियंत्रण के लिए मरीजों की जल्द पहचान जरूरी है। बावजूद इसके कई जिलों में मरीजों की पहचान केवल रैट (रैपिड एंटीजेन टेस्ट) के भरोसे है। यही वजह है कि इन जिलों में आज भी मरीजों की त्वरित समुचित पहचान नहीं हो पा रही है। शुक्रवार को ही चतरा में जहां ट्रूनैट से 3 वहीं आरटीपीसीआर से 00 जांच की गयी। वहीं, गढ़वा में ट्रूनैट व आरटीपीसीआर से एक भी जांच नहीं हुई। वहीं ट्रूनैट से लोहरदगा में 16, पाकुड़ में 00, रामगढ़ में 53 व सरायकेला में 48 सैंपल जांचे गए। जबकि, लोहरदगा, रामगढ़ और सरायकेला में एक भी सैंपल टेस्ट आरटीपीसीआर से नहीं हुआ।
स्कूलों में बंद हो सकती है ऑफलाइन पढ़ाई
झारखंड राज्य के सरकारी और निजी स्कूलों में फिर से ऑफलाइन पढ़ाई बंद हो सकती है। बच्चों को ऑनलाइन क्लास और डिजिटल कंटेंट उपलब्ध कराया जाएगा। कोरोना के तेजी से बढ़ते मामले को देखते हुए राज्य सरकार जनवरी के पहले सप्ताह में इस पर निर्णय लेगी। वर्तमान में छठी से 12वीं तक के स्कूल बच्चों के लिए खुले हुए हैं। जो छात्र-छात्रा स्कूल आकर ऑफलाइन पढ़ाई करना चाहते हैं वे करते हैं, लेकिन पिछले कुछ दिनों से कोरोना के लगातार बढ़ते मामले को देखते हुए स्कूलों को छात्र-छात्राओं के लिए बंद किया जाएगा। सरकार मैट्रिक और इंटरमीडिएट की परीक्षा को देखते हुए 10वीं और 12वीं के छात्र-छात्राओं को स्कूल बुला सकती है और छठी, सातवीं, आठवीं, नौंवी और 11वीं के छात्र-छात्राओं के लिए ऑफलाइन पढ़ाई बंद की जा सकती है। कोरोना के मामले बढ़ने पर या फिर एहतियातन 10वीं और 12वीं की ऑफलाइन पढ़ाई भी स्थगित की जा सकेगी।
संख्या और बढ़ने की आशंका
विशेषज्ञों का अनुमान है कि अभी मरीजों की संख्या में और वृद्धि होगी। विशेषज्ञों के अनुसार हालांकि झारखंड में अब तक ओमीक्रोन की पुष्टि नहीं हुई है,पर संक्रमण की रफ्तार ओमीक्रोन के लक्षण के जैसी ही है। ओमीक्रोन मरीजों के संक्रमित होने का रफ्तार डेल्टा से कई गुना अधिक है। विशेषज्ञों के अनुसार इसमें मरीज अधिक मिलेंगे पर अधिकतर मरीजों की स्थिति गंभीर नहीं होगी। सिर्फ 1 फीसदी मरीज ही अस्पताल में भर्ती होंगे।