PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी ने सनातन धर्म अपना लिया है। इसके साथ ही उनका नाम भी बदल गया है। वसीम रिजवी का नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी होगा। इस्लाम छोड़कर हिन्दू बनने के बाद जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (वसीम रिजवी) ने कहा, ”धर्म परिवर्तन की यहां कोई बात नहीं है, जब मुझे इस्लाम से निकाल दिया गया तो फिर मेरी मर्जी है कि मैं कौन सा धर्म स्वीकार करूं.।
सनातन धर्म दुनिया का सबसे पहला धर्म है, जितनी उसमें अच्छाइयां पाई जाती हैं, और किसी धर्म में नहीं है। इस्लाम को हम धर्म ही नहीं समझते, हर जुमे की नमाज के बाद हमारा सिर काटने के लिए फतवे दिए जाते हैं तो ऐसी परिस्थिति में हमको कोई मुसलमान कहे, इससे हमको खुद शर्म आती है।”
सोमवार को गाजियाबाद में यति नरसिंहानंद ने वसीम रिजवी को हिन्दू धर्म में शामिल कराया। इसके बाद जितेंद्र नारायण त्यागी यानी वसीम मंदिर में नजर आए। यहां उनके माथे पर त्रिपुंड था, उन्होंने गले में भगवा बाना पहना हुआ था और वो हाथ जोड़कर भगवान की पूजा कर रहे थे।
वसीम रिजवी लगातार अपने बयानों को लेकर विवादों में रहे हैं। पिछले काफी वक्त से वो ऐसे बयान देते आए हैं जिन्हें इस्लाम विरोधी और मुस्लिम विरोधी माना गया। मुस्लिम समाज में भी वसीम रिजवी के खिलाफ काफी गुस्सा देखने को मिला।
यहां तक कि वसीम रिजवी इस्लाम में सुधार की मांग भी कर चुके हैं। कुरान से 26 आयतें हटाने की याचिका उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी। सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद के दौरान भी रिजवी ने शिया वक्फ की ओर से मंदिर के लिए सारी जमीन रामलला को सौंपने की पहल की थी। उनका कहना था कि मूल रूप से विवादित जमीन पर शियाओं का कब्जा था। सदियों तक उस जमीन और मस्जिद के मुतवल्ली शिया मौलवी और इमाम ही रहे।
हाल ही में एक विवादित पुस्तक ‘मोहम्मद’ का लेखन और प्रकाशन कर भी रिजवी विवादों में आए। इसी दौरान रिजवी ने हरे झंडे को इस्लाम का प्रतीक और झंडा मानने को भी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। रिजवी सबसे ज्यादा विवादित चर्चा में तब रहे जब उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कुरान शरीफ की 26 आयतों पर आपत्ति जताते हुए उन्हें कुरान पाक से हटाने की भी गुहार लगाई।
रिजवी की दलील थी कि ये आयतें धर्म की आड़ में कट्टरता और नफरत सिखाती हैं। इसके बाद रिजवी को हत्या की धमकियां भी मिलीं। हालांकि अयोध्या मामले से लेकर झंडा या फिर कुरान से आयतें हटाने की याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट ने खारिज ही कर दीं। इन तमाम विवादित चीजों के बीच आखिरकार 6 दिसंबर को वसीम रिजवी इस्लाम छोड़कर हिन्दू बन गए और उनका नया नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गया।