अक्षय सुहाग की कामना का महापर्व वट-सावित्री श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया

खगौल। अक्षय सुहाग की कामना का महापर्व वट सावित्री व्रत शुक्रवार को पूरे खगौल में श्रद्धा और भक्ति भाव के साथ मनाया गया। नगर के विभिन्न क्षेत्रों में अहले सुबह से ही सैकड़ों की संख्या में महिलाएं वट वृक्ष की पूजा करती देखी गई। इस मौके पर काफी संख्या में महिलाओं ने वटवृक्ष के आगे झुककर श्रद्धा व भक्ति के साथ अपने पति के दीर्घायु होने की कामना की। नगर भर में सुहागिन महिलाएं अपने घर के समीप के वट वृक्ष की पूजा करते हुए देखी गई।

छोटी खगौल स्थित वटवृक्ष में सोलहों श्रृंगार व रंग-बिरंगे परिधानों में सजी सुहागिन महिलाओं में रेणु लाल, सुशीला गुप्ता, मधू, संजू श्रीवास्तव, रागिनी कुमारी सहित अन्य ने वटवृक्ष को जल, अक्षत, रोली, कच्चा सूता को चढ़ाया व पूजन के बाद कच्चे धागे को वृक्ष में रक्षा सूत्र के रूप में बांधकर परिक्रमा की‌‌। पूजा के बाद व्रती महिलाओं ने वृक्ष के निकट बैठकर पंडित उदय प्रताप मिश्र से सावित्री -सत्यवान की कथा सुनी। बाद में सुहागिन महिलाओं ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर अक्षय सुहाग का आशीर्वाद लिया।पर्व के मौके पर महिलाओं ने 24 घंटे का उपवास रखकर अपने अमर सुहाग की कामना की। कई इलाकों में महिलाओं ने अपने घर में ही वट वृक्ष की डाली लगाकर पूजा अर्चना की‌। वट -सावित्री पूजा के मौके पर सुहागिन महिलाओं ने अपने पति के दीर्घायु होने की कामना के साथ पूरी निष्ठा से वट सावित्री पूजा को किया। इस मौके पर विवाहित महिलाएं नए वस्त्र में सज-धज कर बांस की डलिया में फल-फूल, नारियल, पकवान सहित अन्य सामग्री प्रसाद के रूप में लेकर वटवृक्ष के पास पहुंची और पंडित द्वारा वट सावित्री की कथा सुनकर विधि विधान से पूजा अर्चना करते हुए प्रसाद चढ़ाकर पूजा- अर्चना की। पूजा के दौरान सुहागिन महिलाओं ने बरगद के पेड़ में कच्चा धागा बांधा और बांस का पंखा झल कर पति के दीर्घायु होने और अखंड सौभाग्य की कामना की। महिलाओं ने पति की लंबी उम्र की कामना को लेकर वटवृक्ष के पत्ता को अपने बाल में लगाया।

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