पारदर्शिता,निष्ठा,समन्वय,गुरुकुल परंपरा और स्किल डेवलपमेंट बने शिक्षा का मूल आधार

बिहार की चार महिला शिक्षाविद दिल्ली में हुई सम्मानित

दानापुर। वैश्विक समरसता सांस्कृतिक समन्वय सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय समरसता मंच के तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर बिहार से चार प्रतिभावान शिक्षाविदों को राष्ट्रीय शिक्षक गौरव रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। जिसमें जेपी विश्वविद्यालय की प्रोफेसर पूनम सिंह ,एलएन मिश्रा की असिस्टेंट प्रोफेसर ऋचा वर्मा ,पटना उच्च न्यायालय की अधिवक्ता अर्चना, अंब्रोसिया अकादमी की निदेशिका संगीता सिन्हा शामिल हैं। पुरस्कार प्राप्त कर दानापुर स्टेशन पर पहुंचते ही खगौल के समाजसेवियों, पत्रकारों एवं कार्यकर्ताओं ने इनका जोरदार स्वागत व अभिनंदन किया।

इनमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आशुतोष श्रीवास्तव, दानापुर जिला कार्यवाह अविनाश कुमार, सेवा प्रमुख जितेंद्र श्रीवास्तव, चंद्र शेखर, जितेंद्र सिन्हा, भारतीय जनता पार्टी के मंडल अध्यक्ष अमन कुमार, सेराज अहमद, संतोष कुमार ने अंग वस्त्र, पुष्पगुच्छ और माला से चारों को सम्मानित किया। सम्मान हेतु सभी ने तीन-तीन मिनट के भारत की प्रतिष्ठा और पंचशील सिद्धांत पर अपने-अपने विचार और प्रेजेंटेशन दिए। प्रोफेसर पूनम सिंह ने शिक्षा और संस्कार पर अधिक जोर देते हुए कहा कि अगर शिक्षा में पारदर्शिता, निष्ठा और समन्वय होगा तो भारत विश्व गुरु अवश्य बनेगा क्योंकि आरक्षण की वजह से शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है।

अगर सभी स्थानों पर शिक्षा के आधार पर ही चयन किया जाए तो शायद भारत एक मजबूत राष्ट्र अवश्य बनेगा। ऋचा वर्मा ने बच्चों के स्किल डेवलपमेंट पर जोर देते हुए कहा कि बच्चों में स्किल डेवलपमेंट से ही शिक्षा में सुधार हो सकता है।संगीता सिन्हा ने भारत की संस्कृति और सनातन परंपरा पर कहा कि गुरुकुल की पद्धति को फिर से आरंभ करने की आवश्यकता है क्योंकि बच्चे इसके अभाव में संस्कार विहीन हुए जा रहे हैं l अधिवक्ता अर्चना ने भारत को वीटो पावर मिले और पांच देश के साथ भारत भी उसका सदस्य बने,इसको लेकर वहां ज्ञापन भी दिया।यह सम्मान मुख्य अतिथि महामहिम प्रथम उपराष्ट्रपति नेपाल, न्यायमूर्ति परमानंद झा, समारोह अध्यक्ष उपेंद्र यादव, पूर्व प्रधानमंत्री नेपाल सरकार के कर कमलों द्वारा दिया गया।

जिसमें नेपाल राष्ट्र की सम्मानित टोपी,शॉल,अभिनंदन पत्र, मेडल और स्मृति चिन्ह भेंट स्वरूप दिया गया।चारों मातृशक्ति शिक्षा के साथ-साथ विभिन्न संगठनों से भी जुड़ी हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अपनी अहम भूमिका निभा रही है। प्रोफेसर पूनम सिंह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, श्रीमती संगीता सिन्हा राष्ट्र सेविका समिति दानापुर जिला की कार्यवाहिका, अर्चना अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद प्रांत दक्षिण बिहार की कोषाध्यक्ष और ऋचा वर्मा हिंदू जागरण मंच दक्षिण प्रांत की सह संयोजिका है।

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