जज ने कहा- भूमिका के आधार पर दे रहे सजा… लालू यादव सहित 40 दोषियों को 18 मिनट में सुनाई सजा

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK) 

वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सीबीआइ जज एसके शशि ने चारा घोटाला मामले में चालीस दोषियों को सजा सुनाई है।

दोपहर 1.47 बजे जज वीसी कोर्ट रूम में आए और सभी 40 दोषियों को मात्र 18 मिनट में सजा सुनाने का काम पूरा कर दिया। इसके बाद दो बजकर 05 मिनट पर जज कोर्ट रूम से चले गए।

इस दौरान वीसी रूम में लालू प्रसाद के खास भोला यादव सहित राजद के कुछ नेता और कई अधिवक्ता मौजूद रहे। वहीं, वीसी रूम के बाहर मीडिया का हुजूम मौजूद था।

हर कोई लालू प्रसाद की सजा जानने के लिए उत्सुक था। जैसे ही लालू को सजा सुनाई गई, कई अधिवक्ता वीसी रूम से निकल कर चिल्लाए, लालू को पांच साल की सजा।

सीबीआइ कोर्ट के जज सजा सुनाने के दौरान अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि आप लोगों ने जितनी बातें रखी है उसमें से सभी की ओर से सामान्य बातें कही गई है।

जैसे उनके क्लाइंट की उम्र ज्यादा हैं और वे कई रोग से ग्रसित हैं। इन सब बातों पर विचार- विमर्श करने के लिए हमें समय चाहिए। इसके बाद जज 1:30 बजे फैसला सुनाने की बात कह कर चले गए।

दोबारा सीबीआइ जज ने वीसी रूम में दोपहर 1.47 बजे आने के बाद अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सजा के बिंदु पर आपकी बहस को सुनने के बाद और सबूतों के आधार पर दोषी पाए गए लोगों को सजा सुना रहे हैं।

सीबीआइ जज ने यह भी कहा कि सजा तय करते समय खासकर आपूर्तिकर्ता दोषियों के संबंध में यह ध्यान में रखा गया है कि कोषागार से सरकारी राशि की अवैध तरीके से निकासी के क्रम में किसकी क्या भूमिका थी और किसने कहां हस्ताक्षर कर राशि को प्राप्त किया है। किसने राशि की निकासी में मदद पहुंचाई है। इनकी घोटाले की अवधि के दौरान जैसी भूमिका पाई गई है, उसी के अनुरूप दोषियों को सजा दी जा रही है।

सजा सुनाए जाने से पूर्व विशेष जज एसके शशि सभी दोषियों की ओर से सजा के बिंदु पर उनके अधिवक्ताओं की दलीलें सुनीं। लालू प्रसाद के अधिवक्ता प्रभात कुमार व देवर्षि मंडल ने कोर्ट को बताया कि दोषी पाए गए लालू प्रसाद कुल 17 तरह की बीमारी से जूझ रहे हैं।

उनकी क्रिएटनिन और बीपी बढ़ा हुआ है। उनकी उम्र 75 साल हो चुकी है। उन्हें कम से कम सजा सुनाई जाए। डा. नलिनी रंजन प्रसाद सिन्हा की ओर से अधिवक्ता ने कहा कि यह मामले में दोषी पाए गए सबसे ज्यादा उम्र 89 वर्ष के है। बिना किसी सहारे के खड़ा भी नहीं हो सकते हैं।

अपना कोई काम नहीं कर पाते हैं। राधा रमन सहाय की ओर से बताया गया कि यह 85 वर्ष की अवस्था में कई रोगों से ग्रसित हैं और हमेशा बिस्तर पर ही रहते हैं। नित्यानंद कुमार सिंह की ओर से कहा गया कि इनकी एक आंख की रोशनी चली गई है। पूर्व में भी यह दो साल तक जेल में रह चुके हैं।

समाज का हर वर्ग कोर्ट पर नजर बनाए हुए है। इन्हें अधिक से अधिक सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में यह संदेश जाए कि सरकारी राशि का गबन करने पर सजा मिलना तय है। बीएमपी सिंह ने कहा कि यह कोई छोटा-मोटा आपराधिक मुकदमा नहीं है।

यह बड़े पैमाने पर सैकड़ों लोगों के द्वारा किए गए षड्यंत्र का परिणाम है। इसमें एक- दो गवाह या एक- दो आरोपित नहीं थे। इस मामले में सीबीआइ की ओर से 575 गवाहों का बयान दर्ज कराया गया है। 170 आरोपित बनाए गए थे। ऐसी परिस्थिति में ट्रायल में तो समय लगेगा ही।

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