PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)
बिहार की राजनीति में बड़ा उलटफेर हो गया है। हालांकि इसकी उम्मीद बहुत पहले से ही लगाई जा रही थी। विकासशील इंसान पार्टी के सभी तीन विधायकों ने भाजपा में शामिल होने का फैसला कर लिया है। इससे मुकेश सहनी को जितना जोरदार झटका लगा है, उससे कहीं अधिक खुशी भाजपा को मिली है।
भाजपा का एक बड़ा सपना सहनी के तीन विधायकों के कारण पूरा हो गया है। यह सपना है बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बनने का। भाजपा अब बिहार विधानसभा में सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है। अब तक 75 विधायकों के साथ राष्ट्रीय जनता दल बिहार की सबसे बड़ी पार्टी था।
बिहार विधानसभा में केवल एक विधायक की कमी के कारण दूसरे नंबर की पार्टी भाजपा अब सीधे पहले नंबर पर पहुंच गई है। 2020 के आम चुनाव में 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में भाजपा के 74 विधायक जीत कर आए थे। इस चुनाव में मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी के चार विधायक जीते थे, जबकि खुद सहनी हार गए थे।
सहनी को बाद में विधान परिषद के उप चुनाव के जरिए सदन में जाने का मौका मिला। उनके चार विधायकों में से एक बोचहां के निर्वाचित प्रतिनिधि मुसाफिर पासवान का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। उनके शेष तीन विधायक भाजपा में शामिल हो गए। इसी के साथ भाजपा के पास अब बिहार में 77 विधायक हो गए हैं।
बिहार विधानसभा में अब राजद 75 विधायकों के साथ दूसरे नंबर पर, जदयू 46 के साथ तीसरे नंबर पर, कांग्रेस 19 विधायकों के साथ चौथे नंबर पर, 12 विधायकों वाली भाकपा माले पांचवें नंबर पर, ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम पांच विधायकों के साथ छठे नंबर पर और जीतन राम मांझी की पार्टी हम चार विधायकों के साथ सातवें नंबर पर है।
इसके अलावा भाकपा और माकपा के दो-दो विधायक हैं। जदयू ने पिछले चुनाव में 45 सीटें ही जीती थीं, लेकिन बाद में लोजपा के इकलौते विधायक को शामिल कराने के बाद उनके पास 46 की संख्या हो गई।