छोटा सा चीरा लगा 46 वर्षीय मरीज के दिल का वॉल्व बदला

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|

रंजीत सिन्हा की रिपोर्ट

● मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी से ठीक हुई मरीज

● संभवतः बिहार में पहली बार इस तरह की सर्जरी हुई

पारस एचएमआरआई अस्पताल के कार्डियक सर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. अरविंद गोयल ने 46 वर्षीय शोभा देवी के हृदय के खराब वॉल्व को मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी के द्वारा बदला है। जहानाबाद की रहने वाली शोभा देवी का माईट्रल वॉल्व सिकुड़ गया था जिस कारण ये सर्जरी की गई,जिसमें स्तन के नीचे सिर्फ छह सेंटीमीटर का चीरा लगाया गया। इस सर्जरी को ”माईट्रल वाल्व रीपलेसमैन्ट” कहा जाता है।

वॉल्व सिकुड़ने के कारण महिला को दम फूलने, हृदय की धड़कन अनियमित होने जैसी समस्याएं थीं। जिस कारण वॉल्व बदलना ही एक उपयुक्त समाधान था। जिसे डॉ. अरविंद गोयल ने छोटे चीरे से मिनिमली इनवेसिव कार्डियक सर्जरी के द्वारा कर दिखाया है।

केस की जानकारी देते हुए डॉ अरविंद गोयल ने बताया कि, “अमूमन इस सर्जरी में छाती की मुख्य हड्डी को काटने की जरूरत पड़ जाती है। इसके लिए 15-16 सेंटीमीटर का चीरा लगाना पड़ता है। पर इस सर्जरी में स्तन के नीचे से एक छोटे चीरे के जरिए वाल्व को बदल दिया गया। यह चीरा दिखाई नहीं देता है। जिसके बाद महिला अब पूरी तरह ठीक हो चुकी हैं। चीरे का निशान भी नहीं के बराबर है।”

“इस सर्जरी को पूरा करने में साढ़े तीन घंटे का वक्त लगा, जिसमें मरीज को कृत्रिम वॉल्व लगाया गया है। वॉल्व सिकुड़ने की समस्या में खून का थक्का जमा होने की भी आशंका होती है। इसमें रक्तचाप कम रहता है।” डॉ अरविंद ने बताया।
इस सर्जरी में डॉ. अरविंद गोयल के साथ डॉ. अतुल मोहन एवं डॉ. शुभांकर कार्डियक अनेथिशिया का भी बड़ा महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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