बिहार में भाजपा ने जदयू को चेताया- ईंट का जवाब पत्‍थर से देंगे, गठबंधन का निर्वाह एकतरफा नहीं

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK) 

सम्राट अशोक और शराबबंदी के मुद्दे पर बिहार में भाजपा और जदयू की तल्खी बढ़ती जा रही है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल ने जदयू नेताओं को मर्यादा में रहने की चेतावनी दी है।

उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए सोमवार को भी हमला जारी रखा। कहा कि गठबंधन एकतरफा नहीं चलेगा।

जदयू का यही रवैया रहा तो भाजपा की तरफ से भी ईंट का जवाब पत्थर से दिया जाएगा। भाजपा के भी बिहार में 76 लाख कार्यकर्ता हैं। भाजपा को भी जवाब देने आता है।

उन्‍होंने बिना नाम लिए जदयू अध्‍यक्ष ललन सिंह, उपेंद्र कुशवाहा और अन्‍य नेताओं पर इशारों-इशारों में निशाना साधा। जदयू के प्रवक्‍ता अभिषेक झा द्वारा भाजपा अध्‍यक्ष पर हमले के दोनों पार्टियों के नेता बिल्‍कुल आमने-सामने हो गए हैं।

संजय जायसवाल ने तंज कसते हुए लिखा- चलिए माननीय जी को यह समझ आ गया कि एनडीए गठबंधन का निर्णय केंद्र द्वारा है और बिल्कुल मजबूत है इसलिए हम सभी को साथ चलना है।

फिर बार-बार महोदय मुझे और केंद्रीय नेतृत्व को टैग कर न जाने क्यों प्रश्न करते हैं। एनडीए गठबंधन को मजबूत रखने के लिए हम सभी को मर्यादाओं का ख्याल रखना चाहिए। यह एकतरफा अब नहीं चलेगा।

संजय ने आगे कहा कि इस मर्यादा की पहली शर्त है कि देश के प्रधानमंत्री से ट्विटर-ट्विटर ना खेलें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के गौरव भी हैं और अभिमान भी।

उनसे अगर कोई बात कहनी हो तो जैसा माननीय ने लिखा है कि बिल्कुल सीधी बातचीत होनी चाहिए। टि्वटर-टि्वटर खेलकर अगर उनपर सवाल करेंगे तो बिहार के 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता इसका जवाब देना अच्छे से जानते हैं। मुझे पूरा विश्वास है कि भविष्य में हम सब इसका ध्यान रखेंगे ।

इसलिए सबसे पहले बिहार सरकार दया प्रकाश सिन्हा जी को मेरे एफआइआर के आलोक में गिरफ्तार करे और फास्ट ट्रैक कोर्ट से तुरंत सजा दिलवाये।

उसके बाद बिहार सरकार का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति के पास जाकर हम सबों की बात रखें कि एक सजायाफ्ता मुजरिम का पद्मश्री पुरस्कार वापस लिया जाए।

बिहार सरकार अच्छे वातावरण में शांति से चले, यह सिर्फ हमारी जिम्मेवारी नहीं बल्कि आप की भी है। अगर कोई समस्या है तो हम सब मिल बैठकर उसका समाधान निकालें। हमारे केंद्रीय नेताओं से कुछ चाहते हैं तो उनसे भी सीधे बात होनी चाहिए।

हम हरगिज नहीं चाहते हैं कि पुनः मुख्यमंत्री आवास 2005 से पहले की तरह हत्या कराने और अपहरण की राशि वसूलने का अड्डा हो जाए। अभी भेड़िया स्वर्ण मृग की भांति नकली हिरण की खाल पहनकर अठखेलियां कर जनता को आकृष्ट कर रहा है।

एक पूरी पीढ़ी जो 2005 के बाद मतदाता बनी है, वह उन स्थितियों को नहीं जानती और बिना समझे कि यह रावण का षड्यंत्र है, स्वर्ण मृग पर आकर्षित हो रही है। यथार्थ बताना हम सभी का दायित्व भी है और कर्तव्य भी।

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