PATNA (BIHAR NEWS NETWORK -DESK)
त्रिस्तरीय पंचायत चुनावी चर्चा गांव की महिलाओं के बीच भी आरंभ हो गई है। कुछ महिलाएं जिनके घरों और करीबी प्रत्याशी बनने वाले हैं, उनकी तो सोच और चर्चा थोड़ी अलग है लेकिन सामान्यतया महिलाएं चुनाव को विकास की एंगल से देख रही हैं।
उन्हें प्रत्याशी के न तो बड़े कद और पैसे से ताल्लुकात है और ना ही किसी पार्टी पालिटिक्स से लेना-देना। उन्हें तो बस सुविधाओं से सुसज्जित गांव चाहिए, जिसमें शहर की तरह सब कुछ सुविधाओं से लैस हों।
इससे शहरों की ओर लोगों का पलायन रुकेगा। युवा गांव-घर में रहकर उन्नति की फसल बो सकेंगे। निसंदेह गांवों में सड़कों का काम हुआ है। बिजली भी आई है।
लेकिन, गांव अब भी इन मौलिक सुविधाओं से वंचित हैं। ब्लॉक और पंचायत स्तर के जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों के कार्यों की मॉनिटरिंग बहुत जरूरी है, ताकि गांवों का विकास हो सके। सरकार ने गांवों के विकास के लिए कई योजनाएं लाई हैं, लेकिन उनका लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचने में काफी देर हो जाती है।
लोगों का कहना है की वैसा प्रतिनिधि चाहिए जो पानी, बिजली और सड़क देने में सफल हो। साथ ही सबसे ज्यादा कचरा निस्तारण की व्यवस्था हो, ताकि उनका मोहल्ला साफ और स्वच्छ दिखे।