PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- DESK)
अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने के बाद तालिबान एक तरफ सरकार बनाने की कोशिशों में जुटा है, तो दूसरी ओर उसने अपना असली रंग भी दिखाना शुरू कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, तालिबान द्वारा सलीमा मजारी को पकड़ लिया गया है। सलीमा अफगानिस्तान की पहली महिला गवर्नर हैं, जिन्होंने पिछले कुछ समय में तालिबान के खिलाफ आवाज़ बुलंद की है।
आपको बता दें कि सलीमा मजारी ने तालिबानियों से लड़ने के लिए हथियार उठाने का भी फैसला लिया था। जानकारी के मुताबिक, अंतिम वक्त तक सलीमा तालिबान के खिलाफ लड़ती रहीं। जब अफगानिस्तान के अन्य नेता देश छोड़कर भाग रहे थे, तब भी सलीमा मजारी अकेले ही अपने समर्थकों के साथ तालिबान के खिलाफ खड़ी थीं।
अफगानिस्तान का बल्ख प्रांत जब तालिबान के कब्जे में आया, तब वहां के जिले चाहर में सलीमा मजारी तालिबान के पकड़ में आ गईं। बता दें कि अफगानिस्तान में कुल तीन महिला गवर्नरों में से सलीमा पहली थीं। उनके इलाके चाहर में कुल 32 हजार से अधिक की आबादी है, उन्होंने अंतिम वक्त तक तालिबान को अपने इलाके का कब्जा नहीं लेने दिया। तालिबान को यहां का कब्जा करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी थी।
आपको बता दें की सलीमा मजारी का जन्म ईरान में हुआ था, लेकिन सोवियत वॉर के वक्त वो अफगानिस्तान में आई थीं। उन्होंने तेहरान यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की है, लेकिन बाद में अफगानिस्तान के लिए उन्होंने राजनीति का रुख किया और फिर तालिबान से लड़ने के लिए बंदूक भी उठाई।