हंगरी, रोमानिया व पोलैंड की सीमा पर टूट रहीं यूक्रेन से भारत वापसी की उम्मीदें

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)

यूक्रेन पर रूस के हमले के तीसरे दिन स्थिति भयावह हो गई है। यूक्रेन के सभी शहरों में भगदड़ की स्थिति है। हर कोई सुरक्षित ठिकाने की तलाश में है। वहां रह रहे मेडिकल छात्रों ने हंगरी, रोमानिया और पोलैंड सीमा का रुख किया है। शुक्रवार को पोलैंड बार्डर जाने का रास्ता भी बाधित हो गया।

भूखे-प्यासे ट्रेन, बस और पैदल लोग बेतहाशा भागे जा रहे हैं। यूक्रेन में फंसे छात्र बंकरों में पनाह लिए हैं। थोड़े समय के लिए बाहर निकलने पर चारों ओर धुआं-धुआं दिख रहा है। फिलहाल, बिजली, पानी व राशन की कमी नहीं है।

सबने एक ही बात कही कि अब उनका सब्र और हौसला जवाब दे रहा है। हंगरी, रोमानिया व पोलैंड की सीमा पर पहुंचने के 10-15 घंटे बाद तक दूतावास की मदद नहीं मिल सकी है। ऐसे में वतन वापसी की उम्मीदें टूट रही हैं। युद्ध का दायरा बढ़ा तो बार्डर एरिया भी सुरक्षित नहीं रह जाएगा।

शुक्रवार दोपहर दो बजे यूक्रेन के इवानो-फ्रैंकविस्क शहर से छह सौ किमी दूर पोलैंड के लिए निकले थे। रास्ते में पता चला आगे बमबारी हुई है, जाना असंभव है। फिर एक बस चालक को आग्रह करके तीन सौ किमी दूर हंगरी देश की सीमा पर पहुंचे।

शुक्रवार रात एक बजे से हंगरी की सीमा पर फंसे हैं। हंगरी स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क नहीं हो पा रहा है। हमारी उम्मीदें अब टूट रही हैं। यह दर्द है गोपालगंज शहर के आजाद नगर की वार्ड संख्या-22 निवासी मो. आलम के पुत्र राशिद रिजवान का। वे 18 छात्रों के जत्थे के साथ हंगरी सीमा पर फंसे हुए हैं। जत्थे में पांच छात्र गोपालगंज के हैं। 13 छात्र दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मुंबई व मेघालय के हैं।

तरैया के रजवाड़ा गांव के अकबर अली असम में कपड़े की फेरी लगाते हैं। पेट काट कर 2018 में मेडिकल की पढ़ाई करने पुत्र नवाब अली को यूक्रेन भेजा था। एक सप्ताह पहले उससे बात हुई थी। अब संपर्क टूट चुका है। उसकी सलामती को लेकर मां हाजरा खातून व दादी मुलायम निशा का रो-रो कर बुरा हाल है।

मढ़ौरा स्टेशन रोड निवासी डा एसके शर्मा के पुत्र अभिषेक भी यूक्रेन के खारकीव में फंसे हैं। जलालपुर के एक भाई-बहन वहां बंकर में रह रहे हैं। छपरा के प्रभुनाथ नगर निवासी शिक्षक संजय सिंह की बेटी पूजा कुमारी ने बताया कि वह अंडर ग्राउंड मेट्रो के बंकर में 20 छात्राओं के साथ छुपी हुई है। सभी दहशत में हैं। बाहर निकलने की इजाजत नहीं है।

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