PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)
सरकारी रिकार्ड में दर्ज सभी जल निकायों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग विशेष अभियान चलाएगा। शिकायत यह मिल रही है कि रोक के बावजूद जल निकायों की जमीन निर्माण या खेती के लिए बंदोबस्ती हो रही है। पहले से बने अस्थायी निर्माण को पक्का बनाया जा रहा है।
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री राम सूरत कुमार ने शनिवार को कहा-किसी भी हालत में जल निकायों पर निर्माण की इजाजत नहीं दी जाएगी। अगर सरकारी रिकार्ड में कोई भूखंड जल निकाय के रूप में दर्ज है तो उसे मुक्त किया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि बांका में काली पोखर की जगह सरकारी स्तर पर स्थायी निर्माण कराने के बारे में जानकारी मिली है। रिपोर्ट मांगी गई है। हम देखेंगे कि कैसे पोखर का स्वरूप परिवर्तित हुआ।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद जल जीवन हरियाली अभियान के तहत जल निकायों को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए प्रयासरत हैं। यह जल जीवन अभियान का हिस्सा है। कुमार ने कहा कि सभी अंचलों में राजस्व अधिकारियों की नियुक्ति हो चुकी है।
इनके सहयोग से अभियान चलाया जाएगा। अगर स्वरूप परिवर्तन के आधार पर जल निकाय की किसी जमीन का हस्तांतरण दूसरे विभागों को किया गया है तो उसकी समीक्षा की जाएगी। जरूरत पड़ी तो हस्तांतरण रद किया जाएगा। हस्तांतरण के लिए जवाबदेह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
जल निकायों को अतिक्रमण मुक्त कराना आपदा जोखिम न्यूनीकरण रोड मैप (2015-30) का एजेंडा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के तत्कालीन प्रधान सचिव व्यासजी ने 16 जून 2016 को सभी प्रमंडलीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों को पत्र लिख कर कहा था कि वह अपने क्षेत्राधिकार में इस रोड मैप को लागू करें।
इसमें ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के पोखर, मन, झील, आहर, पइन, नाला, जल निस्सरण संरचना, नदी आदि को शामिल किया गया था। इसे अभियान जल निकाय संरक्षण का नाम दिया गया था। बाद में यह जल जीवन हरियाली अभियान का अंग बन गया।