PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)
जमुई से विजय कुमार की रिपोर्ट
जमुई भारत के स्वाभिमान गौरवशाली भारत के निर्माता चक्रवर्ती सम्राट अशोक के विरुद्ध अपमानजनक टिप्पणी को भारत की जनता कभी स्वीकार नहीं कर सकती है। अपने पराक्रम और समाज सुधार के कार्यों से भारत को पूरी दुनिया में गौरव दिलाया । सम्राट अशोक ने दुनियाभर में शान्ति के संदेश फैलाया है।
उनके उपर नाटककार दया प्रकाश सिन्हा ने अपनी रचनाओं में और इस संदर्भ में दिए गए साक्षात्कार में उन महान शख्सियत के खिलाफ अभद्र और अपमानजनक टिप्पणी एवं उनके विरुद्ध आधारहीन तर्क बर्दास्तयोग्य नहीं हैं साथ ही इतिहास विरुद्ध बात लिख कर न सिर्फ बिहार के स्वाभिमान को ललकारा गया है बल्कि भारत की अस्मिता पर भी हमला है ।
सम्राट अशोक का लाट ( तीन सिंह ) की मूर्ति आज भारत सरकार का राष्ट्रीय प्रतीक है । यही नहीं , उनका चक्र भारत मां की तिरंगे की शान है । दया प्रकाश सिन्हा का यह कृत्य देशद्रोह की श्रेणी में आता है । अफसोस की बात है कि उसी पुस्तक के लेखक को साहित्य अकादमी पुरस्कार और पद्मश्री का सम्मान दिया गया है ।
हम आज पुरजोर तरीके से यह मांग करते हैं कि • दया प्रकाश सिन्हा को भारत सरकार द्वारा दिए गए पद्मश्री और साहित्य अकादमी सभी पुरस्कार वापस लिए जाएं । • इस लेखक पर राष्ट्र के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने के आरोप में देशद्रोह का मुकदमा किया जाए ।
सहित पुरस्कार * उनके द्वारा लिखित सम्राट अशोक से संबंधित पुस्तक पर प्रतिबंध लगाया जाए । महात्मा फूले समता परिषद , बिहार आज के कार्यक्रम के माध्यम से भारत के महामहिम राष्ट्रपति और सम्मानित प्रधानमंत्री से अपील करती है कि इस पर अविलंब कार्रवाई की जाए एवं केंद्र सरकार की तरफ से इस संदर्भ में तत्काल कार्रवाई नहीं किए जाने पर महात्मा फुले समता परिषद आगे भी इस सवाल पर अभियान चलाएगी । बाइट, अरुण कुमार मंडल