पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की मोबाइल एंबुलेंस एक काल में चिकित्सा के लिए किसानों के घर पर पहुंचेगी, जानिए और क्या सुविधा दे रही बिहार सरकार

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)

सरकार पशुपालकों की मदद के लिए पशु मोबाइल एंबुलेंस सेवा शुरू होने जा रही है। पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग की मोबाइल एंबुलेंस एक काल में चिकित्सा के लिए किसानों के घर पर पहुंचेगी। शीघ्र ही तीन सौ एंबुलेंस खरीदने की प्रक्रिया शुरू होगी। मोबाइल एंबुलेंस के संचालन का मसौदा तैयार कर लिया गया है।

योजना के अनुसार एंबुलेंस पशुपालकों के घर तक पहुंचेगी और पशुओं का उपचार करने के साथ ही दवाएं भी उपलब्ध कराएगी। इसके लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।

प्रत्येक एंबुलेंस में एक पशु चिकित्सक, एक सहायक और चालक की तैनाती की जाएगी। इस पहल के बाद सुदूर गांवों में किसानों के दरवाजे पर ही पशुओं की चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके लिए मोबाइल पशु चिकित्सा क्लीनिक चलाए जाएंगे।

विभाग के मसौदा पर सरकार की स्वीकृति मिलते ही आउटसोर्स पर स्टाफ की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। एक लाख पशुओं की संख्या पर एक मोबाइल वेटनरी सर्विस यूनिट (एमवीयू) स्थापित होनी है। एक मोबाइल एंबुलेंस पर करीब 16 लाख रुपये खर्च होंगे।

इनके संचालन के लिए एंबुलेंस की संख्या के बराबर यानी तीन सौ चिकित्साधिकारी, तीन सौ पैरा वेटनरी स्टाफ व तीन सौ चालक आउटसोर्सिंग पर रखे जाएंगे। जिलों को पशुओं की संख्या के आधार पर यूनिट सौंपी जाएंगी। इनकी निगरानी के लिए राजधानी पटना और जिलों में कंट्रोल यूनिट रहेगी।

मोबाइल एंबुलेंस की सेवा के लिए पशुपालक को टोल फ्री नंबर पर फोन करना होगा। इस नंबर पर आने वाले काल का विभाग फालोअप भी करेगा। यानी पशुपालकों से बात की जाएगी कि टीम पहुंची थी या नहीं, पशु का हाल क्या है, यदि जरूरत होगी तो दूसरी और तीसरी बार भी मोबाइल यूनिट वहां जाएगी।

यह एक वाहन है, जिसमें एक पशु चिकित्सक, एक पैरा-पशु चिकित्सक और एक चालक-सह-अटेंडेंट रहेंगे। इसमें पशु-रोगों के निदान, उपचार और सामान्य सर्जरी के लिए उपकरण और आवश्यकता की अन्य सुविधाएं-चीजें रहेंगी। वहीं, पशुपालकों को जागरूक करने के लिए आडियो-विजुअल विज्ञापन के साथ जीपीएस ट्रैकिंग की व्यवस्था होगी।

पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग के सहायक निदेशक डा. रमेश कुमार ने कहा कि सचल पशु चिकित्सा सेवा इकाइयों यानी एमवीयू की योजना बनी है। पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत केंद्र सरकार ने बजट उपलब्ध कराया है।

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