प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ने किया दया-करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तीकरण कार्यक्रम

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)

रंजीत सिन्हा की रिपोर्ट

फुलवारी शरीफ। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एम्स पटना की ओर से रविवार को आजादी के अमृत महोत्सव को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

आजादी के 75 वें वर्ष के दौरान मूल्यनिष्ठ समाज के उत्थान के लिए आत्मनिर्भर भारत स्वर्णिम भारत के स्वप्न को साकार करने के लिए सतत प्रयास के तहत दया एवं करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खादी बोर्ड के डायरेक्टर पद से सेवानिवृत्त बी एन प्रसाद,डॉ प्रो अजय सक्सेना, डॉ वीणा, डॉ मीनाक्षी एवं ब्रह्माकुमारी मुख्य संचालिका बीके संगीता दीदी सहित सह संचालिका बीके मीरा बहन उपस्थित थीं।

सभा को संबोधित करते हुए बीके संगीता दीदी ने कहा कि अध्यात्म के आधार पर हम अपनी छुपी हुई सभी शक्तियों को जागृत कर सकते हैं।

जिस प्रकार बालक नरेंद्र स्वामी विवेकानंद बन गया, सिस्टर टेरेसा अपने जीवन में करुणा का भाव अपनाकर मदर टेरेसा बन गई, हम भी अपने आत्मिक गुणों को जीवन में लाकर अपने आसपास के वातावरण को शुद्घ एवं दिव्य बना सकते हैं।

डॉ प्रो अजय सक्सेना, डॉ वीणा, डॉ मीनाक्षी और बी एन प्रसाद ने कहा कि ब्रह्माकुमारी संस्था में आने से मानसिक शांति की अनुभूति हुई है। इससे जीवन को काफी लाभ मिला है।

इसलिए सभी से अपील है कि सभी ब्रह्माकुमारी संस्था को जाने समझे और यहां दी जाने वाली शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारे।
बीके कालिका भाई ने कहा कि अपने जीवन में सुख के कारण भी हम ही हैं तो दुख के कारण भी हम ही हैं। सुख और दुख दोनों में तालमेल बिठाकर इस जीवन को चलाने के लिए जो तकनीक हम अपनाते है वही जीवन का सार है।

हर वर्ग हर उम्र के लोगों को मैडिटेशन की उपयोगिता को समझना चाहिए तथा इसे जीवन में उतारना चाहिए।

इस अवसर पर बीके वशिष्ठ भाई, कालिका भाई एवं राजेन्द्र भाई ने बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्था ही एकमात्र ऐसी धार्मिक संस्था है जो निर्विवाद रूप से अपना कार्य पूरे विश्व भर में कर रही है और लोग स्वस्फूर्त होकर इससे जुड़ते आए हैं। यह ईश्वरीय शक्ति का प्रत्यक्ष प्रमाण है।

जिस राष्ट्र के लोग अपनी आत्मिक शक्ति को विश्व कल्याण में लगाते हैं तो वह राष्ट्र विश्व शक्ति के रूप में अपना वजूद बना पाता है। मुझे खुशी है कि इस संस्था द्वारा सकारात्मक पहल पूरे विश्व भर के लिए किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज का मनुष्य लोहे के अलमीरा में अपने बहुमूल्य सामानों को रखता है पर दिल के अलमीरा में ईष्या, द्वेष, अहंकार को रखते हैं।

ब्रह्माकुमारीज की मुख्य संचालिका बीके मीरा बहन ने कहा कि कलयुग में मनुष्य के पास सभी प्रकार की सुख सुविधाएं होते हुए भी आंतरिक निराशा है। इस निराशा का कारण है जीवन में आध्यात्मिकता की कमी।

जब जीवन में आध्यात्मिकता आती है तो आत्मा का कनेक्शन परमात्मा से होता है और परमात्मा के दिव्य गुण हमारे अंदर आने से सकारात्मक परिवर्तन हमारे जीवन में दिखाई देने लगता है।

दया एवं करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तीकरण थीम के तहत प्रतिदिन संस्था के भाई बहनों द्वारा राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से पूरे विश्व में सुख शांति एवं शुभ भावना की तरंगे फैलाई जाएंगी,जिससे विश्व में शांति का वातावरण बन सके।

अंत में बीके पूनम बहन द्वारा अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया एवं बीके मीरा बहन द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।

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