सर्वोदय हॉस्पिटल सेक्टर-8, फरीदाबाद में बिहार से आये 49 वर्षीय मरीज मीना कुमारी का रोबोटिक विधि द्वारा सफलतापूर्ण घुटना प्रत्यारोपण

पटना। बिहार के पटना जिले से आये एक 49 वर्षीय मरीज मीना कुमारी सर्वोदय हॉस्पिटल सेक्टर-8, फरीदाबाद में डॉक्टर सुजॉय भट्टाचार्जी (एचओडी एण्ड डायरेक्टर- ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट) की ओपीडी में आकर उनसे मुलाकात की। मरीज मीना के परिजनों के अनुसार उनके दोनों घुटने पूरी तरह से खराब हो गयें थे और चलने फिरने में काफी तकलीफ हो रही थी। साथ हीं वो लचक लचक कर चल रही थी जिसके कारण उनकी रीढ़ की हड्डी पर काफी जोर पड़ रहा था और उस वजह से उनकी कमर में भी दर्द रहता था। यहाँ तक की रोजमर्रा के काम-काज मे भी उनको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।

मीना को उनके किसी परिजन के द्वारा पता चला कि सर्वोदय हॉस्पिटल, फरीदाबाद में डॉक्टर सुजॉय भट्टाचार्जी देश के जाने-माने ज्वाइंट रिप्लेसमेंट सर्जन हैं जिन्होने अब तक 4000 से ज्यादा लोगों को रोबोटिक विधि से घुटना प्रत्यारोपण किया है और 24000 से अधिक ज्वाइंट रिप्लेसमेंट का अनुभव है।

डॉक्टर सुजॉय के अनुसार मरीज जब ओपीडी में आकर मिले तो उन्होने उनका कुछ जरूरी टेस्ट जैसे एक्स-रे, सिटी स्कैन, ब्लड टेस्ट इत्यादि करवाया और रिपोर्ट आने के बाद ये स्पष्ट हो गया की मीना जी के दोनो घुटने पुरी तरह से खराब हो चुके हैं। जिनका अब एकमात्र इलाज घुटना प्रत्यारोपण ही रह गया है। चुकि मरीज और उनके परिजन रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के बारे में पूरी तरह से अवगत नहीं थे तो डॉक्टर सुजॉय ने मरीज एवं उनके परिजनों को रोबोटिक सर्जरी के फायदे के बारे में बताया जैसे:-

रोबोटिक जॉइंट रिप्लेसमेंट के लाभ

लिगामेंट एवं मांसपेशियों को बचाकर सर्जरी करना जिससे मरीज की जल्द से जल्द रिकवरी हो सके

इम्प्लांट की सटीक प्लेसमेंट

जाइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के 2 घंटे बाद चलना संभव

अधिक सुरक्षित तकनीक

सर्जरी के बाद फिजियो थेरपी की जरुरत नही

आदि के बारे में विस्तारपूर्वक समझाया जिससे मरीज के परिजन एवं मरीज पूरी तरह संतुष्ट हुए और वो इस सर्जरी के लिए राजी हो गयें। एक हफ्ते बाद ही मरीज मीना का रोबोटिक विधि द्वारा घुटना प्रत्यारोपण किया गया। ये सर्जरी मरीज के लिए काफी लाभदायक रही और सर्जरी के अगले हीं दिन मरीज वॉकर के सहारे खड़े होकर चलने लगी ।

रोबोटिक ज्वॉइंट रिप्लेसमेंट के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए डॉक्टर सुजॉय बताते है कि मेडिकल क्षेत्र में आयी आधुनिकता घुटनों के दर्द से जूझ रहे मरीजों के लिए वरदान साबित हो रही है। आज की जीवनशैली की वजह से बुजुर्ग लोगों के साथ साथ 40 वर्ष की उम्र पार करते करते लोगों में यह समस्या आम बात है। जब बात घुटनों में दर्द के इलाज की हो तो वर्तमान समय में ऐसी कई अत्याधुनिक मशीने हैं जो घुटना प्रत्यारोपण के इलाज में काफी मददगार साबित हुई है। सर्वोदय हॉस्पिटल में आज हम अत्याधुनिक रोबोट मशीन के द्वारा कई मरीजों को घुटना प्रत्यारोपण (नी रिप्लेसमेंट) के जरिये चलने-फिरने की आजादी दे पाये हैं। साथ हीं मुझे ये बताते हुए अत्यन्त प्रसन्नता हो रही है कि सर्वोदय हॉस्पिटल सेक्टर-8, फरीदाबाद नार्थ इंडिया का पहला ऐसा हॉस्पिटल है जिसके पास घुटना प्रत्यारोपण (नी-रिप्लेसमेंट) के लिए दो एक्टिव रोबोट है। आज हम इन दोनो मशीनों के जरिये दुगुनी रफ्तार से घुटने के दर्द से बेचैन मरीजों का इलाज कर पा रहें हैं और उनको घुटने के दर्द से आजादी दिला पा रहे हैं।

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