PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|
श्रेया की रिपोर्ट
अपने सुहाग को अखंड बनाए रखने के लिए सभी सुहागिन महिलाएं वट सावित्री का व्रत रखती हैं। हर साल ज्येष्ठ माह की अमावस्या को वट सावित्री का व्रत मनाया जाता है। यह एक शादीशुदा महिला के लिए बहुत ही महवत्पूर्ण पूजा माना जाता है।इस बार ये व्रत गुरुवार 10 जून यानी आज मनाया गया।
वट सावित्री की पूजा के दिन सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना करते हुए वट के वृक्ष यानी कि बरगद के पेड़ की पूजा अर्चना करती हैं। इन सब के बीच सबसे ज़यादा खास बात तो यह है कि इस बार वट सावित्री के व्रत के दिन इस साल का पहला सूर्य ग्रहण भी पड़ा है।
इसी बीच आज बिहार की राजधानी पटना में यह पूजा काफी धूमधाम से मनाई गई। कोरोना महामारी की वजह से कई लोग अपने घर में इस पूजा को मनाते दिखे लेकिन कुछ महिलाएं मंदिरों और साक्षात वट वृक्ष के नीचे भी कोरोना प्रोटोकॉल एवं सभी गाइडलाइन्स को ध्यान में रखते हुए पूजा अर्चना करते नज़र आई।
अपनी पति की लम्बी आयु की कामना करते समाज सेविका शालिनी सिन्हा ने भी पूजा की। शालिनी सिन्हा ने भी कोरोना के नियमो को ध्यान में रखते हुए वट सावित्री व्रत की पूजा अर्चना की। शालिनी सिन्हा ने वट सावित्री पूजा के इस ख़ास अवसर पर सभी व्रतियों को बधाई भी दी।
कहा जाता है की वट सावित्री व्रत पूजा के लिए बरगद वृक्ष का होना बेहद जरूरी माना जाता है। पूजा की मान्यता के अनुसार वट वृक्ष ने अपनी जटाओं से सावित्री के पति सत्यवान की मृत शरीर को घेर रखा था, ताकि जंगली जानवर उनके शरीर को कोई नुकसान न पहुंचा पायें। इसीलिए वट सावित्री पूजा के दिन वट वृक्ष की पूजा की जाती है।
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