सवारियों की संख्या जब आधी तो रोड टैक्स को भी आधा करे सरकार

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)| कोरोना बीमारी को लेकर सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के लिए अचानक राज्य सरकार ने सभी बसों, ऑटो में सीटिंग कैपेसिटी से आधे पैसेंजर लेकर चलने का फरमान जारी किया जिसके चलते बस एवं ऑटो जिनको बैठने की क्षमता के अनुसार रोड टैक्स देना पड़ता है और परमिट मिलता है. ऐसे नियम के बावजूद परमिट शुल्क को सरकार ने आधा नहीं किया. राज्य सरकार का यह नियम बिल्कुल ही गैरकानूनी है और रोज ब रोज कमाने वाले परिवहन से जुड़े गरीब लोगों के लिए भारी नुकसान देह है.

नए सिरे से भाड़ा निर्धारित करे सरकार

ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन इस दिशा में लगातार मांग कर रही है कि यदि सवारी बैठने की क्षमता सीट के अनुसार आधा करना है तो सरकार रोड टैक्स भी आधा करें अथवा रोड टैक्स की भरपाई के लिए भाड़े की बढ़ोतरी करें और नए सिरे से भाड़ा निर्धारित करे लेकिन सरकार द्वारा यह ना करके उल्टा गाड़ियों की जांच करके उनसे जुर्माना वसूल कर उन्हें तंग तबाह किया जा रहा है जो बिल्कुल अनुचित है.

ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन करेगी प्रदर्शन
ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव राजकुमार झा ने इस संबंध में सरकार के परिवहन विभाग के सचिव और परिवहन आयुक्त को पत्र लिखकर मांग किया है कि अनुचित तरीके से गाड़ियों की जांच कर सरकार जो पैसा कमाने का धंधा कर रही है उसे तुरंत बंद किया जाए और सर्वप्रथम गाड़ियों का भाड़ा इस विशेष परिस्थिति के लिए नए सिरे से निर्धारित किया जाए ताकि किसी गाड़ी वाले को यात्रियों को लाने ले जाने में कोई आर्थिक नुकसान नही उठाना पड़े.

अगर राज्य सरकार तुरंत परिवहन संगठनों को बुलाकर और नए सिरे से इस विशेष परिस्थिति के लिए भाड़े का निर्धारण नहीं करती है और बिना भाड़े के निर्धारण किए हुए जांच कार्य को नहीं रोकती है तो ऑल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन दिनांक 7.12.20 को 1:00 बजे सभी जिलों में जिला परिवहन कार्यालय और जिलाधिकारी के आवास के सामने प्रदर्शन करेगा. संगठन प्रदर्शन करके अपनी मांगों को मानने के लिए सरकार को मजबूर करेगा.

राज्य सरकार की होगी जिम्मेदारी

इस प्रदर्शन के बाद भी अगर सरकार इस दिशा में कार्रवाई नहीं करती है तो पूरे बिहार में परिवहन संगठन चक्का जाम करके परिवहन सेवा को बंद कर सरकार को अपनी मांगों को जो बिल्कुल उचित है मानने पर मजबूर करेगी. इस कार्य में परिवहन से जुड़े लोगों को जो नुकसान झेलना पड़ेगा इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

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