PATNA :BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क|
रंजीत सिन्हा की रिपोर्ट
उम्र के जिस पड़ाव पर आकर लोग राम भजन या खुद को अलग थलग मनाने लगते हैं, उस उम्र में राजधानी पटना की संध्या सिन्हा महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने में जुटी हैं। मुंबई और दिल्ली जैसे महानगरों की चकाचौंध को छोड़कर संध्या सिन्हा आजकल पटना में रहकर महिलाओं को मिथिला पेंटिंग, क्रोशिया, सिलाई, बुनाई के माध्यम से रोजगार देने का काम कर रही है। वे महिलाओं की प्रेरणा हैं। सुबह पांच बजे से रात के दस बजे तक महिलाओं को हुनरमंद बनाने में लगी रहती है। वे कोरोना काल में महिलाओं को रोजगार देने का काम गृहस्थी के माध्यम से कर रही हैं।
पटना के गांधी मैदान इलाके में घरेलू महिलाओं के हुनर को बाजार देने के लिए उन्होंने गृहस्थी कला केन्द्र खोला है। सिक्की कला, मधुबनी पेंटिंग, क्रोशिया, जूट, बांस, केले के रेशे से बने सामान और इम्ब्रॉडरी कला में महिलाएं साड़ियां, सूट्स, दुपट्टा, झोले, कुशन कवर, स्टोल बनाकर दे रही हैं। महिलाओं द्वारा बनाए गये उत्पाद अमेरिका,ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, तुर्की सहित देश के विभिन्न राज्यों में भेजे जा रहे हैं।
वह बताती हैं कि महिलाओं के उत्पाद को बाजार देने के लिए इस तरह के आऊटलेट खुलने चाहिए। महिलाओं के हुनर को बाजार देने की बहुत जरूरत है। इन महिलाओं को खादी के उत्पाद अपनी कला से आकर्षक बनाना चाहिए। खादी सिर्फ फैशनेबल नहीं बल्कि दिनचर्या का हिस्सा बनेगा, तभी बुनकर, कतिन और महिलाओं को रोजगार मिलेगा।