बिहार में इस बात के कयास लगने लगे कि भाजपा और जदयू का गठबंधन टूटकर क्‍या राजद और जदयू के बीच फिर से तालमेल होगा

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)

जाति आधारित जनगणना के मसले पर‍ बिहार की सियासत नए सिरे से करवट लेती दिख रही है। राज्‍य की सरकार में सहयोगी दो प्रमुख दलों भाजपा और जदयू के स्‍टैंड अलग होने और राजद-जदयू का एक जैसा नजरिया होने से ऐसी कयासों को बल मिल रहा है।

इस बीच राजद के प्रदेश अध्‍यक्ष जगदानंद सिंह ने जदयू को खुला आफर दिया कि वे जाति आधारित जनगणना के मसले पर बेफिक्र होकर आगे बढ़ें, राजद उनका साथ देगा। इसके बाद सियासी माहौल और गर्म हो गया।

कयास लगने लगे कि भाजपा और जदयू का गठबंधन टूटकर क्‍या राजद और जदयू के बीच फिर से तालमेल होगा। इस सवाल का अब राजद के बड़े नेता तेजस्‍वी यादव ने जवाब दे दिया है।

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह द्वारा जातिगत जनगणना के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को आमंत्रित करने के अगले दिन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है।

उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जदयू के नेता सिर्फ नौटंकी कर रहे हैं। राज्य सरकार टालमटोल की नीति अपना रही है। सर्वदलीय बैठक के बहाने मुद्दे को उलझाया जा रहा है। तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री को राजद से समर्थन लेने का साहस नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जातिगत जनगणना का मुद्दा नीतीश कुमार के एजेंडे में कभी था ही नहीं। सबसे पहले इसकी मांग लालू प्रसाद ने की थी। राजद के दबाव में ही दो-दो बार बिहार विधानसभा से जातिगत जनगणना का प्रस्ताव पास किया गया, जिसका भाजपा समेत सबने समर्थन किया। हालांकि बाद में जब केंद्र ने साफ कर दिया कि जातिगत जनगणना नहीं कराई जाएगी तो राज्य सरकार को पहल करनी चाहिए थी।

तेजस्वी ने सर्वदलीय बैठक की बात को भी खारिज किया और कहा कि इसकी जरूरत ही नहीं है। जब विधानसभा से सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया गया तो फिर क्या अड़चन है। दरअसल सरकार की मंशा ठीक नहीं है। तेजस्वी ने नीतीश कुमार के साथ सरकार बनाने की बात से भी इन्कार किया और कहा कि पता न कहां से यह बात आ रही है। मैंने कई बार कहा है कि ऐसा सवाल ही बेमानी है।

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