पर्यावरण संरक्षण के लिए बच्चों को इसके महत्व से जोड़ना आवश्यक

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|

पर्यावरण संरक्षण के लिए बच्चों को इसके महत्व से जोड़ना आवश्यक: रागिनी रंजन

पर्यावरण संरक्षण के लिए संकल्पित है ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस :श्वेता सुमन

पर्यावरण संरक्षण के वर्तमान संकल्प से हम भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं।..राजीव रंजन

ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस (जीकेसी) के मंच से जीकेसी की प्रबंध न्यासी श्रीमती रागिनी रंजन की अध्यक्षता में चलाया जा रहा” गो ग्रीन” कैम्पेन में भागलपुर से कृष्णा कलायन कला केंद्र एवं “The Blue Bell International” स्कूल की सक्रिय सहभागिता प्राचार्य सह जीकेसी कला संस्कृति की राष्ट्रीय सचिव श्वेता सुमन के निर्देशन में हुआ, जिसमें सैकड़ों बच्चों ने भाग लिया और एक से बढ़कर एक चित्रों को बनाकर अपनी हिस्सेदारी दर्ज कराई.

प्राचार्य श्वेता सुमन ने शिक्षकों के साथ वर्चुअल संबोधन स्थापित कर GKC के मंच से “गो ग्रीन “कंपैन के उद्देश्य और महत्व को बच्चों और अभिभावकों तक पहुंचाया।चित्रों के माध्यम से बच्चों ने एक से बढ़कर एक संदेश दिए साथ ही वृक्षारोपण के लिए संकल्प लिया ,इस अवसर श्वेता सुमन ने कहा कि हम अपने जन्मदिन के अवसर पर वृक्षारोपण करें और दूसरों को भी खास अवसर पर पौधा देकर वृक्षारोपण के लिए प्रेरित करने को कहा।

उन्होंने बताया कि यह हम बराबर खास अवसरों पर करते आये हैं। विद्यालय के कार्यक्रमों में विशिष्ट अतिथियों का स्वागत भी पौधा देकर ही करतेहै वहीं अपनी संस्था कृष्णा कलायन कला केंद्र के माध्यम से पर्यावरण को बचाने के लिए वर्कशॉप और अपने द्वारा रचित एवं निर्देशित नृत्य नाटिकाओं के माध्यम से नई पीढ़ी को जागृत करने का कार्य करती रहती हैं। श्रीमती सुमन ने वृक्ष लगाओ, जल बचाओ पर्यावरण को स्वच्छ बनाओ , हे मानव समझोगे कब सृष्टि नही बचेगी तब गीत के माध्यम से जागृत किया।

इस उत्कृष्ट भागीदारी की सराहना करते हुए श्रीमती रागिनी रंजन ने कहा कि विद्यालय में हमारे देश के नन्हे मुन्ने भविष्य का ज्ञानवर्धन होता है और यह बच्चों को जागरूक करने का सबसे अच्छा माध्यम है।चित्रकला ,गायन ,नृत्य आदि रचनात्मक भागीदारी एवं प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चे सीखेंगे भी जागरूक भी होंगे और राष्ट्रहित में अपना योगदान दे सकेंगे।

अध्यक्ष श्री राजीव रंजन जी ने कहा कि बच्चे इस देश का आने वाला कल हैं जिन्हें आज वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए नैतिक जिम्मेदारी समझाना अति आवश्यक है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *