बिहार को विशेष राज्‍य के दर्जे पर कैबिनेट दो-फाड़, नीतीश सरकार ने नीति आयोग को लिखा पत्र

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)

बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा दिलाने की मांग नए सिरे से उठाई है। मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार इस मांग को एक दशक से अधिक से उठाते रहे हैं।

बिहार के योजना मंत्री बिजेंद्र यादव ने इस बाबत नीति आयोग के अध्‍यक्ष राजीव कुमार को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि बिहार विशेष राज्‍य का दर्जा पाने के सभी मानकों पर खरा उतरता है। उधर, इस मुद्दे पर राज्‍य की कैबिनेट दो-फाड़ दिख रही है।

राष्‍ट्रीय जनतांत्रिक गठबंघन की सरकार में शामिल भारतीय जनता पार्टी कोटे से उपमुख्‍यमंत्री रेणु देवी ने सवाल किया है कि जब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार विशेष राज्‍य के दर्जे से अधिक धन दे रही है, तो इस मांग का क्‍या औचित्‍य है?

बिहार सरकार में मंत्री बिजेंद्र यादव ने नीति आयोग की उस रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह मांग उठाई है, जिसमें बिहार को देश का सर्वाधिक गरीब राज्‍य बताया गया है।

बिहार में इस रिपोर्ट के आधार पर विपक्ष नीतीश कुमार के विकास के दावों को कटघरे में खड़ा कर रहा है। पत्र में मंत्री ने कहा है कि बिहार प्रति व्‍यक्ति आय, मानव विकास व जीवन स्‍तर के मानकों पर राष्‍ट्रीय औसत से नीचे है।

उन्‍होंने इसके लिए बिहार में प्राकृतिक संसाधनों व जलीय सीमा के अभाव तथा अत्‍यधिक जनसंख्‍या घनत्‍व को जिम्‍मेदार बताया है। उन्‍होंने यह भी कहा है कि बिहार बाढ़ व सूखा प्रभावित प्रदेश भी है। यहां के आधे से अधिक जिले इन प्राकृतिक आपदाओं को झेलते रहते हैं।

मंत्री बिजेंद्र यादव ने बिहार की स्थिति के लिए केंद्र सरकार को भी जिम्‍मेदार ठहराया। उन्‍होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार में औद्योगिक विकास व तकनीकी शिक्षा की पहल नहीं की।

न हीं यहां पब्लिक सेक्‍टर की स्‍थापना की पहल की। इसके अलावा बिहार हरित क्रांति के लाभ से भी वंचित रहा। इस कारण यहां कृषि का भी संतोषजनक विकास नहीं हुआ है।

विदित हो कि बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की मांग साल 2000 में झारखंड राज्‍य की स्‍थापना के बाद तेजी से उठी की। अलग झारखंड राज्‍य बनने के बाद बिहार खनिज संपदा से वंचित हो गया।

मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा देने की मांग करते रहे हैं। उन्‍होंने यह भी कहा था कि वे बिहार को विशेष राज्‍य का दर्जा दिलाने के लिए केंद्र में किसी भी सरकार का समर्थन कर सकते हैं।

हालांकि, इस मुद्दे पर कुछ महीनों पहले उन्‍होंने यू-टर्न ले लिया था। पर, अब बीजेपी के विरोध के बावजूद फिर इस मांग को नए सिरे से उठाने के राजनीतिक निहितार्थ निकाले जा रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *