गुटबाजी की इस चर्चा को खारिज करते हुए जदयू नेतृत्व ने रविवार को 12 नए प्रकोष्ठों के गठन की सूची जारी कर दी

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)

पिछले वर्ष जब जदयू के सभी प्रकोष्ठों को भंग किया गया था तो यह बात आई थी कि नए निजाम ने पुराने निजाम के सभी पुराने चेहरे को किनारे कर दिया। नए सिरे से प्रकोष्ठ का गठन तो होगा ही साथ ही साथ कुछ नए करीबी जगह पाएंगे।

गुटबाजी की इस चर्चा को खारिज करते हुए जदयू नेतृत्व ने रविवार को 12 नए प्रकोष्ठों के गठन की सूची जारी कर दी और उसमें 50 फीसद चेहरे पुराने ही हैं। यानी यह साफ संदेश दिया गया कि पार्टी में कोई किसी के कैंप का नहीं। जिम्मेदारी काम करने के लिए दी गई है।

पूर्व में जदयू मीडिया प्रकोष्ठ का काम देख रहे अमरदीप ने नए निजाम आने के कुछ ही दिनों बाद अपने पद को छोड़ दिया था। इस क्रम में आस्था और कैंप की बात शुरू हो गई थी पर जब नए सिरे प्रकोष्ठ का गठन हुआ तो उन्हें शिक्षा प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी दी गई है। श्वेता विश्वास को पुन: महिला प्रकोष्ठ का काम सौंपा गया है।

डा. एलबी सिंह पुराने समय में भी जदयू चिकित्सा प्रकोष्ठ का काम संभाल चुके हैं। ई. रामचरित्र प्रसाद लंबी अवधि से जदयू तकनीकी प्रकोष्ठ का काम देख रहे थे। इस बार भी उन्हें तकनीकी प्रकोष्ठ का ही जिम्मा दिया गया। वैसे उनके साथ श्रम प्रकोष्ठ भी जोड़ दिया गया है।

कमल नोपानी पहले भी जदयू व्यावसायिक प्रकोष्ठ में रहे हैैं। इस बार भी उन्हें व्यावसायिक प्रकोष्ठ का नेतृत्व दिया गया है। मीडिया प्रकोष्ठ, प्रशिक्षण प्रकोष्ठ व बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ आदि खत्म हुए हैं।

पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व विधान पार्षद तथा एक वर्तमान विधायक को भी प्रकोष्ठ की जवाबदेही दी गई है। हाल ही में पूर्व विधान पार्षद सलीम परवेज ने जदयू की सदस्यता हासिल की थी। उन्हें अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ की कमान सौैंपी गई है।

पूर्व मंत्री संतोष निराला भी संगठन में पुराने चेहरे के रूप में हैं। उन्हें अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ का जिम्मा मिला है। वर्तमान विधायक में विजय सिंह निषाद का नाम है, जिन्हें अति पिछड़ा प्रकोष्ठ की जिम्मेदारी दी गई है।

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