PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)
बिहार में इस वर्ष बेहतर मानसून ने किसानों को खूब साथ दिया। जून से लेकर अक्टूबर तक अच्छी बारिश हुई। किसानों को पानी के लिए कभी भी परेशानी नहीं हुई। उम्मीद थी कि धान की अच्छी पैदावार होगी, लेकिन धान की बाली निकलने के वक्त ही फसल पर कीटों ने कहर ढा दिया।
धान की फसल को ही चौपट कर दी। आखिरकार खामियाजा किसानों को ही भुगतना पड़ा। इसकी वजह आखिरी दिनों में हुई बारिश को बताया जा रहा है।
पटना जिले के बिहटा निवासी किसान सुधांशु कुमार का कहना है कि इस वर्ष शुरू से धान की फसल काफी अच्छी थी, लेकिन धान के बाली पर लगने वाली कीट के कारण बाली के दाने पुष्ट नहीं हो पाए। इससे किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि धान की पैदावार में 30 से 40 प्रतिशत की कमी आ सकती है।
वहीं, भोजपुर जिले के चरपोखरी प्रखंड के किसान भिखारी ठाकुर का कहना है कि धान की फसल में कीट लगने से बाली लाल हो जा रही थी और उसमें दाने पुष्ट नहीं हो पा रहे हैं। ऐसे में धान की फसल को काफी नुकसान हुआ है।
पश्चिमी चंपारण के किसान अविनाश कुमार का कहना कीटों के प्रकोप से धान की फसल को काफी क्षति हुई है। अगर सरकार ने मदद नहीं की तो किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
कृषि विभाग के सूचना निदेशक आरके वर्मा का कहना है कि धान की फसल में कीट लगने की सूचना मिली है। उससे निपटने के लिए किसानों को सुझाव भी दिए गए हैं। जिन किसानों ने सुझाव पर अमल किया है, उसके फसल की कम क्षति हुई है।