BIHAR NEWS NETWORK- SPECIAL REPORT
श्रेया की रिपोर्ट
इतिहास में 13 जुलाई का दिन भारत के लिए गम और उदासी से भरी एक दुखद घटना के साथ दर्ज है। दरअसल यह जुलाई महीने का दूसरा दुखद दिन है। 2006 में 11 जुलाई को लोकल ट्रेन में बम धमाके हुए थे और वर्ष 2011 में 13 जुलाई के दिन मुंबई के तीन इलाकों झावेरी बाजार, ओपेरा हाउस और दादर में बम धमाके हुए।
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में बम धमाकों का सिलसिला हमेशा से जारी रहा है। मुंबई 2008 के बम धमाकों और 2011 के तीन बम धमाकों ने देश की आर्थिक राजधानी को हिला कर रख दिया था। आज ही के दिन 13 जुलाई 2011 को मुंबई में तीन धमाकों से पूरा देश हिल गया था। यह सीरियल बम ब्लास्ट थे। जो 2008 बम धमाकों के 4 साल बाद मुंबई को फिर से डराने की कोशिश की गई थी।
13 जुलाई को कसाब का जन्मदिन था और इस मौके पर आतंकवादियों ने 2008 के मुंबई बम धमाकों में पकड़े गए कसाब के लिए सीरियल बम ब्लास्ट किए थे। इन धमाकों की जिम्मेदारी इंडियन मुजाहिदीन ने ली थी। लगातार आतंकी संगठन मुंबई को निशाना बनाते रहे हैं।
इन बम धमाकों का पूरा प्लान आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन के फाउंडर यासीन भटकल ने कराए थे। उस दिन मुंबई के लोग दिनभर के कामकाज के बाद अपने घर जा रहे थे। लेकिन सिर्फ पांच मिनट के अंदर शहर के तीन सबसे व्यस्त इलाकों झवेरी बाजार, दादर और ओपेरा हाउस में तीन बम धमाके हुए थे। इंडियन मुजाहिदीन ने पूरी प्लानिंग के साथ 13 जुलाई 2011 की शाम को 5 मिनट के अंदर मुंबई के 3 इलाकों में सीरियल बम ब्लास्ट किए थे। शाम 6:45, 6:55 और 7 बजे यह तीन टाइम फिक्स किए गए थे।
इसके बाद पूरे जांच के दौरान 18 राज्यों में धमाकों के सुराग की तलाश की गई और लगातार 29 दिनों तक तकरीबन 1 सौ 80 घंटे के सीसीटीवी फुटेज को खंगाला गया। आज दिन बम धमाकों की जांच चल रही है। इसी दौरान इसके 4 साल बाद ही साल 2011 में अजमल कसाब को यूपीए सरकार के दौरान प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रपति रहते हुए फांसी दे दी गई।