“हिंदी रंगमंच की दशा और दिशा” पर परिचर्चा

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|

रंजीत सिन्हा की रिपोर्ट
● नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रेम एवं शांति का दिया संदेश
● “हिंदी रंगमंच की दशा और दिशा” पर परिचर्चा आयोजित की गई

चर्चित नाट्य संस्था “सूत्रधार” ने विश्व रंगमंच दिवस पर रेलवे एंप्लाइज ओबीसी एसोसिएशन के सहयोग से गीत, संगीत, परिचर्चा एवं नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया. एसोसिएशन के परिसर में आयोजित “हिंदी रंगमंच की दशा एवं दिशा” पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी राजमणि मिश्र ने कहा कि वैश्विक रंगमंच के पटल पर गांव कस्बे के जीवंत रंगमंच की चर्चा कम होती है.

हिंदी रंगमंच में हिंदी पट्टी के जीवन परिवेश से जुड़े नाटकों का अभाव होता जा रहा है. विशिष्ट अतिथि के रूप में रेलवे इंप्लाइज एसोसिएशन, दानापुर के मंडल अध्यक्ष प्रदीप कुमार ने कहा
रंगकर्मी और नाट्य संस्थाएं आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं. रंगमंच के उत्थान के प्रति सरकारी उदासीनता भी बड़ा कारण है. उन्होंने कलाकारों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

प्रसिद्ध समाजसेवी जफर हसन ने कहा कि विगत 42 वर्षों से बिहार में रंगमंच, लोक संस्कृति विरासत को रंगमंच के माध्यम से उत्साहित और संरक्षण प्रदान करने में “सूत्रधार” का महत्वपूर्ण योगदान है. आरंभ में विश्व रंगमंच दिवस पर प्रकाश डालते हुए वरिष्ठ रंगकर्मी सूत्रधार के महासचिव नवाब आलम ने कहा कि यह दिवस बताता है कि दुनिया में रंगमंच करने वाले कम से कम अपने उद्देश्यों को लेकर एकमत हैं. उन्होंने कहा कि कलाकारों का दायित्व बनता है कि समाज में फैली बुराई पर प्रहार कर उनमें कर्तव्य बोध जगाने का काम करें.

श्री आलम ने कहा कि नवोदित प्रतिभाओं को उभारने में सूत्रधार अपनी अहम भूमिका निभाता रहेगा। संजय गुप्ता, जितेंद्र कुमार, सी.बी सिंह, राजगीर प्रसाद, संजय, उदय शंकर यादव,अनिल कुमार ने भी विश्व रंगमंच दिवस पर प्रकाश डाला. तत्पश्चात हिंदू मुस्लिम एकता पर आधारित एवं प्रेम भाईचारे का संदेश देने के लिए होली गीत, संगीत एवं नाटकों की प्रस्तुति की गई.

इस अवसर पर रंगकर्मी नीरज सिंह अभिनीत एकल नाटक “विश्व शांति” की प्रभावशाली प्रस्तुति की गई. उसके बाद कलाकारों ने होली पर आधारित गीतों से ऐसा समां बांधा की दर्शक भी झूम उठे. दीपक कुमार, संजय गुप्ता, कामेश्वर ने अपनी गायकी से इस होली को यादगार बना दिया.

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