PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|
श्रेया की रिपोर्ट
बिहार में पहली बार मानसून की शुरुवात के साथ जून में ही बाढ़ आ गई। नेपाल और बिहार में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गंडक, बूढी गंडक समेत कई नदियाँ 16 जून को ही खतरे के निशाँ के ऊपर पहुँच गई और आस-पास के इलाके भी डूब गए।
हालात यह है की पहली बार गंडक नदी में मानसून के प्रारम्भ में ही चार लाख क्यूसेक से अधिक पानी हो गया। बेटिआह, मोतिहारी, गोपालगंज, किशनगंज और दरभंगा जिले में एनडीआरएफ टीम की तैनाती भी की जा चुकी है। वही अन्य कुछ जिलों तैनाती अभी जारी है।
बता दें की बुधवार की शाम तक गंडक नदी पश्चिम चम्पारण के त्रिवेणी में और गोपालगंज के डुमरियाघाट में खतरे की निशान से ऊपर थी तो बूढी गंडक चनपटिया में खतरे की निशान से ऊपर बाह रही थी। गंगा, बागमती, पुनपुन, खिरोई, घागरा और कोसी के जलस्तर में भाड़ी वृद्धि हुई है। गंडक नदी का जलस्तर 4.12 लाख क्यूसेक पहुँच गया है।
जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के अनुसार गंडक में मानसून के प्रारम्भ में ही इतना पानी कभी नहीं रहा। सरकार ने गोपालगंज जिले का सत्तर घाट बंद कर दिया है। अब गोपालगंज जिले से मुजफ्फरपुर या पूर्वी चम्पारण जिले की तरफ जाने वाले लोग इस पूल से 8 किलोमीटर दक्षिण में स्थित बंगरा घाट पूल या 20 किलोमीटर उत्तर स्थित डुमरिया घाट पूल से आर-पार होंगे।