प्रकृति की मार झेल रहे हमारे बिहार के कई किसान

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|

श्रेया की रिपोर्ट

कभी कोरोना संक्रमण की मार तो कभी प्रकृति की मार, हर तरफ से अभी हम सारे लोग परेशान है। हर जगह लोगो की कामना यही है की जल्द से जल्द ये साड़ी परेशानियां ख़तम हो और हम दुबारा से अपनी पुरानी ज़िन्दगी में वापस जा सके। कोरोना महामारी के बीच यास तूफ़ान ने भी कई गजह अपना रौद्र रूप दिखाया है। जिस वजह से हमारे देश के किसानो को बहुत नुक्सान झेलना पड़ा है।

किसानो एवं गावों में अभी फिलहाल खेती के वक़्त में ये परेशानी से लोग त्रस्त हैं। कई किसानो के खेत की सब्जियां एवं अन्य तरीको के फसल बर्बाद हो गए हैं। जिन सब्ज़ियों की खेती की वजह से ये लोग समृद्धशाली रहते थे अब वही लोग प्रकृति की मार झेल रहें हैं।

कई सारे फलो की स्थिति भी ख़राब हो गई है। यास तूफ़ान की वजह से कई सारे फल खेत में ही सड़ के नष्ट हो गए हैं। हर जगह गुलज़ार रहने वाली सब्ज़ी एवं फल मंडियां वीरान हो गई है। किसानो की माने तो करीब 1 करोड़ सब्ज़ी एवं तरबूज नष्ट हो गए हैं। जिसकी भरपाई आने वाले 2-4 सालो में किये जाने की बात बताई जा रही है।

नष्ट हुए सब्ज़ी की वजह से महंगाई की मार आम लोगो पर अब पड़ने लगी है। यास तूफ़ान से पहले बताया जा रहा की नेनुआ, लौकी, करैला, भिंडी, आदि सब्ज़ियां मंडियों में 2-4 रुपये किलो मिला करती थी लेकिन अब यही सब्ज़ियां 25 से 30 रुपए किलो बिकने लगी है। किसानो का कहना है की इतनी परेशानियों के बावजूद भी सरकार से सहायता नहीं मिल पाती है।

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