PATNA, KHAGAUL (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|
● खगौल थानाध्यक्ष मुकेश कुमार मुकेश, रिटायर्ड बीएसएफ कमांडेंट राजेश कुमार सहाय एवं बिहार संगीत नाटक अकादमी के पूर्व उपाध्यक्ष प्रमोद कुमार त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया शुभारंभ
संस्कृति मंत्रालय,भारत सरकार के सौजन्य से सांस्कृतिक संस्था एकजुट द्वारा तीन दिवसीय एकजुट नाट्य महोत्सव-2021 के दूसरे दिन खगौल के आर्यभट्ट कला केंद्र में कार्यक्रम का शुभारंभ उपस्थित मुख्य अतिथि सर्वश्री खगौल थाना अध्यक्ष मुकेश कुमार मुकेश ,विशिष्ट अतिथि प्रमोद कुमार त्रिपाठी, पूर्व उपाध्यक्ष बिहार संगीत नाटक अकादमी,राजेश कुमार सहाय, रिटायर्ड कमाडेंट बीएसएफ द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया.
तत्पश्चात प्रख्यात दिवंगत नाट्यकार पद्मश्री बंशी कौल के चित्र पर पुष्प समर्पित कर श्रद्धांजलि दी गई. एकजुट के महासचिव अमन कुमार ने बताया कि तीन दिवसीय महोत्सव के अन्तर्गत प्रथम दिन पटना के अलावे बाकी दो दिन खगौल में नाटकों का आयोजन किया जा रहा है. मंच संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी सुनील कुमार सिन्हा ने किया। उक्त अवसर पर रंगकर्मी जय प्रकाश मिश्रा,सज्जाद आलम, प्रशांत कुमार, रंजीत प्रसाद सिन्हा आदि उपस्थित थे.
महोत्सव के दूसरे दिन सूत्रधार खगौल की ओर से नवाब आलम के निर्देशन में लाखो का मंचन किया गया. लाखो एक लोक नाटक है. इस नाटक की भाषा भोजपुरी,मगही और हिंदी तीनों में है. आरा के कछार नामक गांव की एक सच्ची घटना पर आधारित है. इसी गांव में रामलला नामक जमींदार रहता था। जो जुल्मी, वहशी, बलात्कारी पुरुष था। उसी गांव में लाखो नाम की एक लड़की रहती थी. जो रामलला के जाति,गोत्र एवं गोतिया की थी.
रामलला का हमेशा बुरी नियत लाखो पर रहता था. लेकिन लाखो बिसरा से प्रेम करती थी. बिसरा अछूत मल्लाह जाति का था। वह रामलला का मजदूर था. यह बात रामलला के लिए असहनीय थी. वह मौका पाकर बिसरा का खून करवा देता है. लाखो पागल सी हो जाती है. अचानक लाखो की मुलाकात बटोही से होती है. लाखो बटोही से अपनी सारी समस्या कहती है और बटोही रामलला से इंतकाम लेने के लिए लाखो को प्रेरित करता है. लाखो सबकी मदद से रामलला जैसे पापी, दुराचारी का वध करती है. लोगों को रामलला के जुल्म से मुक्ति दिलाती है. यह नाटक आवाम को यह नसीहत देता है कि नारी शक्ति कमजोर नहीं है, नारी शक्ति महान है.
पात्र परिचय
मंच पर – लाखो- तनु कुमारी, बिसरा – दीपक कुमार, बटोही – शशि, भूषण कुमार, रामलला – रत्नेश कुमार, भारत माता – सेजल भारती, लाखन – सनी कुमार, माखन – आदित्य कुमार, मौसी – निशा कुमारी, भगत – निशांत कुमार, बालेश्वर – छोटू कुमार, कुछ ग्रामीण – हिमांशु राज, राजा कुमार, हर्ष कुमार.
नेपथ्य में- लाइट सेट – नीरज कुमार, सेट डिजाइन – शशि भूषण कुमार, मंच सामग्री – रत्नेश कुमार, गीत संगीत – दीपक कुमार, आदित्य राज, ध्वनि प्रभाव – शशी भूषण कुमार, निशांत कुमार,
प्रस्तुति प्रभारी – अजीत कुमार, राहुल कुमार भोला, संजीत कुमार.
रंजीत सिन्हा की रिपोर्ट