बिहार में अशोक के कथित अपमान के मामले में जदूय और बीजेपी, सियासत गरम

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)

भाजपा की सफाई (दया प्रकाश शर्मा हमारी पार्टी से नहीं जुड़े हैं) के बावजूद जदयू सम्राट अशोक के कथित अपमान के मामले को छोड़ने नहीं जा रहा है। गुरुवार को जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा-अगर आप मानते हैं कि सम्राट अशोक का अपमान हुआ है तो लेखक को दिए गए अवार्ड की वापसी की मांग क्यों नहीं कर रहे हैं। नीरज ने इशारे में भाजपा से अपेक्षा की है कि वह भी अवार्ड वापसी की मांग का समर्थन करे।

मालूम हो कि इससे पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह और जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी यही मांग की थी। राज्य सरकार में भाजपा कोटे के मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि दया प्रकाश सिन्हा फिलहाल भाजपा से संबद्ध नहीं हैं।

नीरज ने गुरुवार को टवीट कर कहा कि केंद्र सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने आखिर कैसे उस किताब के लिए दया प्रकाश सिन्हा को पुरस्कार दिया, जिसमें सम्राट अशोक के बारे में आपत्तिजनक विवरण दर्ज है। राष्ट्रीय गौरव के प्रतीक के लिए अपमानजनक टिप्पणी करने वाले की अवार्ड वापसी की मांग नहीं करना कहीं न कहीं लेखक के विचार की मौन सहमति है।

विदित हो कि अवकाश प्राप्त आइएएस अधिकारी दया प्रकाश शर्मा खुद के लिखे नाटक में सम्राट अशोक को औरंगजेब की तरह क्रूर शासक बताया गया है। उन्होंने अपने लेख में कहा कि अशोक ने अपनी खामियों को छिपाने के लिए धन का उपयोग धार्मिक कार्यों में किया था।

दया प्रकाश शर्मा के खिलाफ पटना के कोतवाली थाने में बिहार के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने एफआइआर दर्ज कराई है। एक खास समुदाय की भावना आहत करने का आरोप लगाया गया है।

भाजपा अध्यक्ष ने थानाध्यक्ष से आइपीसी की विभिन्न धाराओं और आइटी एक्ट के तहत केस दर्ज करने का अनुरोध किया है। कोतवाली थानाध्यक्ष ने बताया कि किसी की भावना को ठेस पहुंचाने सहित तीन अलग-अलग धराओं में एफआइआर की गई है।

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