समाज सुधार अभियान के तहत बिहार के पूर्णिया जिले पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, जीविका दीदीयों के संबोधन को ध्यान से सुना

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK – DESK)

समाज सुधार अभियान के तहत पूर्णिया जिले पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने जीविका दीदीयों से संवाद स्थापित किया। जीविका दीदीयों की बातें सीएम ने बड़े ध्यान से सुनी। इसके बाद डिप्टी सीएम, विभागीय मंत्री और अधिकारियों ने कार्यक्रम को संबोधित किया। वहीं, सीएम नीतीश कुमार ने जनता को संबोधित किया।

दीदियों ने जिस तरह अपनी बातें रखी, अपनी कठिनाइयों को शेयर किया व वर्तमन स्थिति को बयां किया, वह सराहनीय है। कोरोना के कारण अभियान में ब्रेक आया था। अब समाज सुधार यात्रा फिर से शुरु किया है। कोरोना को लेकर स्थिति अब नियंत्रित है। जल्द मुक्ति भी मिलेगी। अब पाबंदी नहीं है।

कल समाज सुधार अभियान का समापन है, लेकिन वास्तविक में अब इसे गति देने का समय है। महिलाओं के आग्रह पर शराबबंदी लागू की। कर्पूरी ठाकुर ने भी लागू की थी, लेकिन दो साल में हटा दिया गया था।

2015 में पटना में आयोजित जीविका दीदी के कार्यक्रम में महिलाओं के आग्रह पर मैंने घोषणा की थी। 2016 में यह कानून लागू हुआ। काफी मंथन के बाद कानून लागू किया। प्रथम फेज में बडे शहर को इ,से अलग रखा गया था, लेकिन महिलाओं के विरोध के चलते बडे शहर में भी बंद करना पडा।

शराब बुरी चीज है। जहरीली शराब के चलते लोगों की जान गई, उसे सजा दिलाई जा रहा है। कुछ लोग जो विरोध कर रहे हैं। उन्हें पता नहीं कि शराब. से लोग बीमार होतै हैं उसकी मौत होती है। जहरीली शराब कांड पर तत्काल राज्यस्तरीय बैठक हुई और फिर अभियान को तेज किया गया।

इसमें हर एक व्यक्ति तक संदेश पहुंचाया जाएगा। गांधी जी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी शराबबंदी को लेर अभियान चलाया था। गांधी ने कहा था कि शराब इंसान को हैवान बना देता है।

शराब पैसा ही नहीं छिनता बुद्धि भी हर लेती है। बच्चा बच्चा को जागरूक करना है। डब्लूएचओ ने कहा है कि एक साल के अंदर शराब के कारण तीस लाख लोगों की मौत होती है।

बीस चाल से उनचालीस साल के लोगों के मौत सर्वाधिक हो रही है।इसका फीसद तेरह के करीब है। टीबी,एड्स व अन्य घातक बीमारियों से भी जानलेवा है शराब, दो सौ तरह की बीमारियां शराब के कारण होती है। आत्महत्या, सडक हादसा में मौत में अठारह व सत्ताइस फीसद शराब पीने वाले। शराब के हिमायतदारों का विरोध होना चाहिए।

2005 से आपकी सेवा कर रहे हैं। शाम के बाद घर से निकलना मुश्किल था। बच्चियां नहीं पढ पाती थी। विकास हुआ, कानून का राज हुआ। लडकियों की शिक्षा के लिए कार्य हुआ है। पोशाक, साइकिल योजना,लागू की।
महिलाओं के लिए कार्य किया है। पंचायत में आरक्षण दिया। सरकारी नौकरी में आरक्षण दिया। स्वयं सहायता समुह के जरिये महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किया। जीविका का गठनकर कार्य किया।

जीविका समूहों को कार्य दिया जा रहा है। समाज के विकास के लिए, इलाके के विकास कार्य किया गया।
सडक, बिजली,पुल पुलिया मेंटेंनेस की व्यवस्था हो रही है। पुलिस विभाग में पैंतीस फीसद महिलाएं हैं। यह और कहीं नहीं है।

इंजीनियरिंग कालेज मेडिकल कालेज में सीट आरक्षित कर लडकियों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। बाल विवाह व दहेज प्रथा के खिलाफ कार्य किया जा रहा है।

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