बिहार का डीएमसीएच टापू में तब्दील, हर जगह सुअरों का बसेरा, दुर्गंध से हो रही परेशानी

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|

श्रेया की रिपोर्ट

पहले प्री मानसून बारिश और अब टाक्टे के कारण हुुुई बारिश के बाद बिहार का ख्यात डीएमसीएच किसी टापू में तब्दील हो गया है। चारों ओर पानी नजर आ रहा है। जगह जगह कचरे के ढेर दिख रहे हैं। वहीं जगह जगह नजर आ रहे सुअर व्यवस्था की पोल खोलने के लिए काफी हैं। हालांकि यह स्थिति वर्षों से है। जब कभी बारिश होती है तो यही हाल देखने को मिलता है।

यह स्थिति केवल डीएमसीएच की नहीं है। सही सिवरेज व्यवस्था नहीं होने के कारण इसके पास स्थित माेहल्लों का भी यही हाल है। खासकर दरभंगा के बंगाली टोला, बलभद्रपुर, शाहगंज, नवटोलिया, अल्लपट्टी, डीएमसीएच नर्स कॉलोनी, खान चौक, नगर निगम भवन आदि जगहों का हाल भी बारिश के बाद कुछ ऐसा ही होता है।

दरभंगा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (डीएमसीएच) की वर्तमान स्थिति के बारे में यहां काम करने वाली एक नर्स कहती हैं कि मैं यहां 26 साल से काम कर रही हूं। बारिश के बाद सड़कें जलमग्न हो ही जाती हैं और हमें डीएमसीएच पहुंचने के लिए पैदल चलना पड़ता है। हर बार ऐसा ही होता है। इससे अस्पताल प्रशासन व स्थानीय प्रशासन के लापरवाह रवैये का अंदाजा लगाया जा सकता है।

इस बारे में दरभंगा के डीडीसी तनय सुल्तानिया ने कहा कि वर्षा के बाद निचले इलाकों में जलभराव की समस्या है। डीएम ने अगले 15 दिनों के भीतर सड़क बनाने का आदेश जारी किया है। हम कचरा प्रबंधन के लिए एक आउटसोर्स एजेंसी के संपर्क में हैं और वे इस पर काम कर रहे हैं। कोविड वार्ड के बारे में भी उन्होंने कहा कि इसे नई इमारत में संचालित किया जा रहा है।

वहीं दूसरी ओर अस्पताल के अधीक्षक ने कहा कि डीएमसीएच परिसर के लिए बाउंड्री वाल नहीं है। इसका निर्माण कुछ खास तरह से किया ही गया है। कुछ ही समय बाद यह अपने 100 साल पूरे कर लेगा। हमलोग मरीजों की जान बचाने के लिए हमेशा खून पसीना एक किए रहते हैं। प्रशासन की अोर से यहां नई सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम चल रहा है। दवा और ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त है।

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