पटना। मंगलवार को प्रेमचंद रंगशाला में बिहार के विभिन्न जिलों के रंगकर्मियों ने “नाट्य शिक्षक की बहाली” की मांग को लेकर सरकार और कला संस्कृति विभाग का ध्यान आकृष्ट कराने हेतु एक दिवसीय धरना का आयोजन किया। इस दौरान मुजफ्फरपुर से आए राजेश कुमार ने बताया कि माध्यमिक शिक्षण पात्रता परीक्षा (STET) में नाटक विषय को शामिल नहीं किया गया है जबकि नृत्य, संगीत, ललित कला आदि विषयों के कलाकारों को शामिल किया गया है।
शिवहर से आए नितेश अस्थाना ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत नाट्य विधा को शामिल किया गया है परन्तु बिहार सरकार अन्य विधाओं के शिक्षकों की भर्ती किए जा रही है परंतु पंचम वेद नाट्यशास्त्र के कलाकारों की भर्ती नहीं हो रहीं हैं। पंडारक की आरती कुमारी ने बोला कि मैं ग्रामीण इलाके से आती हूं । मुझे नाटक करने पर समाज भाड़, नौटंकीबाज कहता है। जबकि मैं अपने गांव की पहली लड़की हूं जिसने नाट्यशास्त्र से स्नातकोत्तर (पीजी) एवं मध्य प्रदेश नाट्य विद्यालय से डिप्लोमा किया है, फिर भी लोग मुझे हेय दृष्टि से देखते हैं। अगर सरकार नाट्य विधा को रोजगार से जोड़ देगी तो लोग नाट्य विधा को भी सम्मान की नजर से देखेंगे। अन्य सभी कलाकारों ने एक स्वर से ये कहा कि बिहार सरकार माध्यमिक शिक्षण पात्रता परीक्षा (STET) में नाटक विषय को शामिल कर बीपीएससी के माध्यम से हमारे लिए नौकरी का रास्ता खोले। अगर ये मांगे नहीं मानी जाएगी तो आगे इससे बड़ा आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे। । इस एक दिवसीय धरना में अमलेश आनंद, समीर चंद्रा, कुमार गौरव, गौतम गुलाल, कृष्णा कुमार, राहुल कुमार राज, रजनीश पांडे, दीपा दीक्षित, कृष्ण देव,बलराम कुमार, रोशन कुमार, उत्तम कुमार, आरती शर्मा, राहुल रंजन, मो जहांगीर, विनय चौहान, आदिल राशिद आदि शामिल रहें।