सुर संगम में अनूप जलोटा ने समां बांधा

– इन्दिरा आईवीएफ पटना के दस साल पूरे होने पर भव्य जश्न

पटना। ऐसी लागी लगन, मीरा हो गयी मगन… पटना शहर की शाम पद्मश्री अनूप जलोटा के भजनों से भक्तिमयी हो गयी। निःसंतानता के उपचार के क्षेत्र में देश की सबसे बड़ी फर्टिलिटी चैन इन्दिरा आईवीएफ के पटना हॉस्पिटल के सफलतापूर्वक दस साल होने के सेलिब्रेशन में सुर संगम संध्या का आयोजन किया गया। इस उपलब्धि पर आठ दिवसीय कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसके बाद अनूप जलोटा और लोकगायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत की संध्या हुई। अनूप जलोटा के भक्ति और डॉ. नीतू कुमारी नवगीत के पारंपरिक गीतों ने दर्शकों का मन मोह लिया। श्री कृष्ण मेमोरियल हॉल में दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी और सीटें कम पड़ गईं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बिहार के कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय थे, जबकि विशिष्ट अतिथि इन्दिरा आईवीएफ ग्रुप के चेयरमैन डॉ. अजय मुर्डिया रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसमें मंच पर मंगल पाण्डेय, पद्मश्री अनूप जलोटा, डॉ. अजय मुर्डिया, इन्दिरा आईवीएफ के बिहार प्रमुख डॉ. दयानिधि कुमार, और लोकगायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने अपनी उपस्थिति दर्ज की। दीप प्रज्ज्वलन के बाद, डॉ. दयानिधि कुमार ने स्वागत भाषण देते हुए इन्दिरा आईवीएफ की इस यात्रा पर प्रकाश डाला और इसके सामाजिक योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “इन्दिरा आईवीएफ ने निःसंतानता के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है और इस सफलता को हम भक्ति और सांस्कृतिक धरोहर के साथ मना रहे हैं।”
मुख्य अतिथि मंगल पाण्डेय ने कहा, “इन्दिरा आईवीएफ ने निःसंतानता के क्षेत्र में एक क्रांति लाई है। छोटे शहरों में भी आईवीएफ की सुविधाएं देकर इस संस्थान ने हजारों परिवारों को संतान सुख का आशीर्वाद दिया है। पटना में 10,000 से अधिक सफल आईवीएफ प्रक्रियाएं इसका प्रमाण हैं कि इन्दिरा आईवीएफ अपने मिशन में कितना प्रभावी रहा है।”
इसके बाद सम्मान समारोह हुआ, जिसमें मुख्य अतिथि मंगल पाण्डेय, पद्मश्री अनूप जलोटा, डॉ. अजय मुर्डिया और लोकगायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत को सम्मानित किया गया। डॉ. दयानिधि कुमार ने मंच पर मौजूद सभी विशिष्ट अतिथियों का स्वागत और सम्मान किया।
भजन संध्या की शुरुआत अनूप जलोटा की प्रसिद्ध प्रस्तुति “ऐसी लागी लगन, मीरा हो गई मगन” से हुई। इसके बाद उन्होंने “अबकी टेक हमारी मुरारी,” “जिसने दिल से याद किया,” और “सांवला सलोना मेरा कृष्ण कन्हाई” जैसे भजनों से दर्शकों को भक्ति रस में डुबो दिया। उनकी भावपूर्ण प्रस्तुति ने दर्शकों को भावविभोर कर दिया और पूरे हॉल में तालियों की गूंज सुनाई दी।
भजनों के बाद, लोकगायिका डॉ. नीतू कुमारी नवगीत ने अपनी मधुर आवाज़ में पारंपरिक लोक गीत प्रस्तुत किए। उन्होंने अपनी प्रस्तुतियों में बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत किया और श्रोताओं को लोक गीतों की मिठास से जोड़ा। डॉ. नीतू कुमारी के गीतों में लोक संस्कृति और परंपरा की झलक थी, जिसने श्रोताओं को उनकी जड़ों से जोड़ने का कार्य किया।
कार्यक्रम के अंत में, सभी अतिथियों और दर्शकों का धन्यवाद किया गया। यह आयोजन इन्दिरा आईवीएफ के दस सफल वर्षों का जश्न मनाने का एक अनूठा प्रयास था, जिसमें भक्ति, संगीत और सांस्कृतिक धरोहर को एक मंच पर लाकर सभी को भावनात्मक और आध्यात्मिक अनुभव दिया गया।

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