अक्षय नवमी पूजा हुआ धूमधाम से संपन्न

NAWADA, KASHICHAK (BIHAR NEWS NETWORK – डेस्क)|छठ महापर्व संपन्न होने के बाद कार्तिक शुक्ल पक्ष नवमी तिथि पूरे प्रखंड के घरों में धूमधाम से मनायी गई. इसे धातृ नवमी, कूष्मांड नवमी व आंवला नवमी भी कहा जाता है. इस पूजन के बारे में श्री भगवान पाण्डेय ने बताया कि आंवला नवमी पर आंवले के वृक्ष के पूजन के साथ ही पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए पूजन का विशेष महत्व है.

गंगा स्नान का है बड़ा महत्व

अक्षय नवमी पर गंगा स्नान और दान का खास महत्व है. मान्यता है कि इस दिन किया गया दान अक्षय रहता है. यानी जिसका नाश कभी नहीं होता इसलिए लोग इस दिन गुप्त दान भी करते हैं. सतयुग की शुरुआत इसी दिन से हुई थी. इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे भोजन बनाकर खाने-खिलाने की भी परंपरा है.

सोमवार को इस अवसर पर लोगों ने आंवला के पेड़ के नीचे चावल, दाल, सब्जी आदि बनाकर खाए और दूसरों को भी खिलाए. शहरी क्षेत्र के मुकाबले गांवों में अक्षय नवमी की अधिक धूमधाम रहती है. वहां इस दिन पिकनिक जैसा माहौल रहता है.

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