BIKRAM (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|
●ट्रामा सेंटर जल्द शुरू करने की मांग
वर्षों से अब तक नहीं शुरू हुए ट्रामा सेंटर को लेकर ट्रामा सेंटर बचाओ संघर्ष समिति के सैकड़ों युवकों ने आसपुरा ट्रामा सेंटर से लेकर बिक्रम शहीद चौक तक विरोध मार्च निकाला. बिहार सरकार मुर्दाबाद, ट्रामा सेंटर चालू करो के नारेबाजी के साथ बिक्रम शहीद चौक पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय व स्थानीय सांसद रामकृपाल यादव का पुतला फूंका गया.
ट्रामा सेंटर बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक पूर्व वार्ड पार्षद अवनिश कुमार के नेतृत्व में यह कार्यक्रम किया गया. जिसमें जन अधिकार पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश कुमार तिवारी, बिहटा के पंचायत समिति सदस्य सह मनेर विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी युवा नेता कुश कुमार ,उत्तम कुमार, लव कुमार, नंदन कुमार ,नीतिश यादव समेत सैकड़ों युवक मौजूद रहें.
वहीं रजनीश कुमार तिवारी ने कहा कि 2002 में ही ट्रामा सेंटर बनकर तैयार हो गया था. करोड़ों खर्च के बाद भी स्थिति आज तक जस की तस है. अभी तक स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ इस ट्रामा सेंटर से आसपास के क्षेत्र को नहीं मिल रहा और सरकार उदासीन रवैया अपनाए हुई है.
19 वर्ष बीतने के बावजूद इसका कोई सुध नहीं ले रहा है. स्थानीय सांसद, बिहार सरकार एवं केंद्र की सरकार को इससे मतलब नहीं है. किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना होती है तो लोगों को पटना आईजीएमएस, पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है।कई लोग रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं. क्या इसी दिन के लिए इसको बनाया गया था.जब इसको चालू ही नहीं करना था तो करोड़ों खर्च करके ख़रीदीं गई मशीनें जंग खा रही हैं.
उन्होंने कहा कि अगर जमीन कम पड़ रहा है तो सिंचाई विभाग का जमीन पड़ा हुआ है जो कोई उपयोग में नहीं है उसको हस्तांतरित कर स्वास्थ्य विभाग ट्रामा सेंटर को जल्द से जल्द चालू करे ताकि इसका लाभ आसपास के नजदीकी लोगों को भी मिल सके. इस के चालू हो जाने से अरवल, औरंगाबाद, जहानाबाद एवं बिहटा, बिक्रम, नौबतपुर, दूल्हिंनबाजार, पालीगंज के लोगों को काफी लाभ होगा और काफी लोगों की जानें भी बचेगी.
कूश कुमार ने कहा कि यहां के सांसद को श्राद्ध और शादी-विवाह में ही जाने की फुर्सत है, इन विषयों पर उनका कोई ध्यान नहीं है. जिससे क्षेत्र की जनता में काफी आक्रोश है. वह सिर्फ राजनीतिक रोटी सेकते हैं. वर्षों से उदासीन पड़ा यह ट्रामा सेंटर जर्जर होने के कगार पर है.
चिकित्सीय सुविधाओं के लिए लोगों को पटना और अन्य जगहों पर जाना पड़ता है. आपात स्थिति में लोगो की जानें चली जाती है. अब बहुत हुआ इंतजार, अब इस सरकार को ट्रामा का ड्रामा समाप्त करना ही चाहिए. नहीं तो बहुत बड़ा जन आंदोलन खड़ा होगा, जो दिल्ली में सिंघु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान हैं ठीक उसी प्रकार के आंदोलन की बिक्रम की धरती से शुरुआत होगी अगर सरकार नहीं चेतती है तो.
रंजीत सिन्हा की रिपोर्ट