PATNA (BIHAR NEWS NETWORK-DESK)
शक्ति कपूर का नाम इंडस्ट्री के टॉप विलेन में शुमार है। अपने विलेन किरदार के साथ हमेशा एक्सपेरिमेंट करते रहने वाले शक्ति की यही अदा उन्हें सबसे जुदा करती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि शक्ति बॉलीवुड में विलेन को एक नया आयाम दिया है।
क्या आप जानते हैं फिल्मों में विलेन के विविधरंगी किरदार निभाने वाले शक्ति कपूर एक वक्त विलेन के किरदार से ऊब चुके थे। शक्ति कहते हैं, जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया, मैं विलेन के रोल से ऊब रहा था। एक वक्त ऐसा भी था कि मैंने सोच लिया था कि अब विलेन नहीं बनना है।
एक इंटरव्यू में शक्ति ने कहा था की ‘रोजाना तीन से चार फिल्में शूट किया करता था, सुबह भी वही डायलॉग बोल रहा हूं और दोपहर-शाम भी कुछ ऐसे ही डायलॉग के बीच सीन पूरे कर रहा हूं। आप देखें, तो फिल्मों में विलेन के डायलॉग्स में ज्यादातर समान ही रहे हैं। दस तक गिनते हुए नीचे नहीं आया, तो जान से मार दूंगा, तीन तक गिनते नीचे नहीं आया, तो तेरी मां को मार दूंगा… वही हंसी और वही ड्रामा।
”विलेन हर सीन पर जोर से ठहाका लगाता रहता है। और मुझे खुद की हंसी पसंद ही नहीं थी। फिल्म कुर्बानी में ही मुझे खुद की हंसी अच्छी लगी थी वो ऐसी साइको वाली हंसी थी, जिसे देखकर फिरोज खान भी बोल उठे थे कि यार शक्ति तेरी हंसी ने मुझे डरा दिया। ”
शक्ति ने यह भी बताया की जब उनकी फिल्म तोहफा रिलीज हुई थी। उस दिन पूरे देश में 35 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया था। आरोप यह था कि फिल्म देखने के बाद लड़के कॉलेज के बाहर लड़कियों को ‘आऊ आऊ’ कहकर छेड़ रहे थे। यह खबर पक्की थी, क्योंकि न्यूजपेपर पर भी छपी थी. ऐसी भी पॉपुलैरिटी रही थी।”