सदा लोक मंच के साप्ताहिक नुक्कड़ नाट्य श्रृंखला में नाटक मझधार का मंचन

PATNA, KHAGAUL (BIHAR NEWS NETWORK-डेस्क)| हर शनिवार नुक्कड़ संवाद श्रृंखला की नई कड़ी में सदा लोक मंच ने उदय कुमार लिखित एवं निर्देशित नाटक “मझधार” का प्रदर्शन किया. खगौल स्थित दानापुर रेलवे स्टेशन के पास ऑटो स्टैंड में नाटक की शुरुआत गीत – ” हम मेहनतकश मजदूर हैं, मेहनत ही अपना आधार, ऐ सरकार तुम्हारी नीति नियत से हम भटक रहे, बन बेरोजगार, घर बाहर दोनों से हारे, फंसे बीच मझधार” से हुई.

नाटक में दर्शाया गया कि अपने गांव- घर , आसपास में रोज़गार के अवसर न पाकर मज़दूर रोज़ी रोटी की तलाश में पलायन करते हैं. बाहर में तमाम समस्याओं का सामना कर अपने मेहनत के बल रोज़ी रोटी का जुगाड़ कर जीवन यापन करते हैं. वर्तमान कोरोना संकट में उनकी स्थिति काफी गंभीर हो गई, वे बेरोजगार हो गए हैं. उनके सामने रोज़ी रोटी का घोर संकट उत्पन्न हो गया है.

रो रोकर मज़दूर अपना दुखड़ा सुनाते हैं – ” पहले गांव में रोज़गार नहीं मिला, मजबूर होकर बाहर कमाने गए, फिर कोरोना का शोर मचा, काम बन्द हो गया, मालिक ने निकाल दिया, काम बन्द, आय बन्द, मकान मालिक ने भी निकाल दिया। कई तरह की मुसीबत झेलते हुए वापस आए, खूब घोषणाएं हुई कि अब यहीं पर रोज़गार मिलेगा, कोई बाहर पलायन नहीं करेगा, नौ महीना हो गया, कोई काम नहीं मिला, सब घोषणा हवा हवाई, यहां कोई पूछने वाला नहीं है, सारी उम्मीदें टूट चुकी हैं.

सारे मज़दूर पुनः पलायन को मजबूर हैं, संशय है वहां फिर से काम मिलेगा या नहीं. घर के मारे बाहर गए फिर लौट के घर को आए. अब घर से फिर गए ठुकराए, अब जाएं तो जाएं कहां.” नाटक के अंत में समाज सेवी चिकित्सक गौतम भारती ने सार्वजनिक स्थलों और विशेषकर यात्रा के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों की विस्तार से जानकारी दी। मास्क पहनना, शारीरिक दूरी, हाथों की सफाई के बारे में विशेष चर्चा की.

उपस्थित गण
कलाकारों में – रामनाथ प्रसाद, अनिल सिंह, शिवम कुमार, पल्लवी प्रियदर्शिनी, राजीव रंजन त्रिपाठी, भोला सिंह के साथ समाज सेवी अनिल सिन्हा, कैवल्य फाउंडेशन के अनिल कुमार, सूरज कुमार, कबीर श्रीवास्तव आदि मौजूद थे.

खगौल से रंजीत सिन्हा की रिपोर्ट

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