PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- DESK)
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने शनिवार को नीति आयोग की रिपोर्ट पर सुझाव दिए और विपक्ष को ज्ञान की घुट्टी भी पिलाई है। नीति आयोग को कहा है कि ऐसे पैरामीटर शामिल करने चाहिए, जिससे पता चले कि हर पांच साल में किसी राज्य ने किस क्षेत्र में कितना विकास किया है।
उन्होंने कहा कि बिहार में 15 वर्ष के लालू-राबड़ी राज के दौरान सरकारी अस्पताल के बेड पर कुत्ते सोते थे। महीने में मात्र 39 मरीज आते थे। वहां दवा क्या, रूई-सुई भी नहीं मिलती थी।
बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि एनडीए राज में 2005 के बाद नए मेडिकल कालेज, सुपर स्पेशियलिटी हास्पीटल और पटना में एम्स तक खुले। दरभंगा में नया एम्स बन रहा है। राज्यसभा सदस्य ने कहा है कि कोरोना संक्रमण से लोगों को बचाने और टीकाकरण करने में बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर काम किया, इसलिए राज्य में कोरोना से मरने वालों की संख्या 10 हजार से नीचे रही।
दूसरी तरफ नीति आयोग की रैंकिंग में ऊपर बताए गए महाराष्ट्र में कोरोना से 1.5 लाख से ज्यादा लोगों की मृत्यु हुई। यही हाल केरल और राजस्थान का रहा। विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा है कि जो लोग नीति आयोग की रिपोर्ट पर अनर्गल बयान दे रहे हैं, उन्हेंं अपने शासनकाल का रिपोर्ट कार्ड जारी करना चाहिए।
सुशील मोदी ने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर देश की राजधानी को लंबे समय तक अवरूद्ध रखना लोगों की जिंदगी दुश्वार करना और शहर का गला घोंटना है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने जनभावना के अनुरूप यह टिप्पणी की है। अब किसान नेताओं को आंदोलन स्थगित कर सरकार से वार्ता करनी चाहिए।