PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- DESK)
बिहार में बेकाबू गंगा ने ट्रेनों की रफ्तार रोक दी है। साल 2007, 2016 और 2018 में आई प्रलयंकारी बाढ़ में भी मालदा रेल मंडल के अंतर्गत जमालपुर-भागलपुर रेल खंड के बीच ट्रेनों का परिचालन बंद नहीं हुआ था। उस वक्त बाढ़ प्रभावित रेल सेक्शन पर ट्रेनों की रफ्तार कम की गई थी। लेकिन इस बार गंगा ने रूद्र रूप धारण कर लिया है।
गांवों व राष्ट्रीय उच्च पथ (NH) के बाद अब उसने रेलवे को भी पूरी तरह चपेट में लिया है। इस कारण जमालपुर-भागलपुर के बीच शनिवार की दोपहर से ट्रेनों का परिचालन बंद है। कई रेल अधिकारी बताते हैं के ऐसी नौबत अब तक 70 से 80 वर्षों के दौरान नहीं आई थी।
बता दें की बाढ़ का पानी रेलवे पुल का डेंजर मार्क पार कर गया है। ऐसे में रेलवे किसी तरह का रिस्क नहीं लेगा। पानी का दवाब कम होने के बाद ही ट्रेनों का परिचालन सामान्य होगा। इसके लिए पल-पल रिपोर्ट ली जा रही है। जलस्तर पर नजर रखने के लिए पेट्रोलिंग टीम को पुल के पास तैनात किया है।
गंगा का यह रूप देखकर हर कोई सकते में है। पिछले 24 घंटे में गंगा का जलस्तर 12 सेमी बढ़ा है, अभी गंगा खतरे के निशान 39.33 की जगह 40.11 पर है। जलस्तर इसी तरह बढ़ता रहा तो अभी ट्रेनों का परिचालन सामान्य नहीं होगा। 1975 में मालदा रेल मंडल की स्थापना हुई। रेल मंडल बनने के बाद इस तरह की नौबत नहीं आई थी।
बताया जा रहा है की बाढ़ के कारण दो दिनों में 10 हजार से ज्यादा रेल की टिकटें रद हुईं हैं। रद की गई ट्रेनों में भागलपुर से लेकर कजरा तक का आरक्षण करा चुके यात्रियों ने अपनी-अपनी टिकटें रद करा दीं। ट्रेन परिचालन बंद होने से हजारों यात्री फंसे हुए हैं।
मालूम हो की इसके पहले वर्ष 2007 में भी बाढ़ और बारिश की वहज से ट्रेन परिचालन बंद हुआ था। उस समय जमालपुर, दशरथपुर, धरहरा और मसूदन स्टेशनों पर रेलवे ट्रैकों के ऊपर से पानी बह रहा था। जमालपुर जंक्शन पर प्लेटफार्म डूब गए थे। कल्याणपुर और गंगनिया के बीच ट्रैक के नीचे से मिट्टी धंस गई थी।