देखें बिहार की सबसे बड़ी अगम कुआं की चमत्कारिक शक्तियों का दावा, जानें 105 फ़ीट गहरे कुएं का रहस्य

PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|

श्रेया की रिपोर्ट

जल संचित हेतु बनाए जाने वाले कुओं का इतिहास काफी पुराना है। पीने योग्य जल की उपलब्धता के साथ इनका इस्तेमाल सिंचाई के लिए भी किया जाता रहा है। लेकिन क्या इन्हें बनाने का उद्देश्य मात्र जल संचित करना ही था ? या फिर इन प्राचीन जलाशयों का इस्तेमाल किसी और काम के लिए भी किया जाता था?

यह रहस्यमयी कुआं मौजूद है बिहार राज्य के पटना शहर में, जिसका निर्माण सम्राट अशोक के काल के दौरान करवाया गया था। इस कुएं का नाम है ‘अगम कुआं’। आज की तुलना में उस दौरान 20 फीट की खुदाई पर ही पानी निकल आता था, लेकिन इस कुएं की गहराई 105 फीट बताई जाती है।

अगम कुआं पटना के सबसे पुरानी आर्कियोलॉजिकल साइट्स में से एक है। इसका बड़ा ऐतिहासिक महत्व है। अगर पुरानी कहानियों की मानें तो इसकी अशोक का यातना गृह भी कहा जाता है। हालांकि अब यहां काफी धार्मिक आस्थाएं जुड़ गई हैं और इसे चमत्कारी शक्तियों से युक्त भी माना जाता है।

कहा जाता है की अशोक ने अपने 99 भाइयों के सिर कलम करवाकर उनकी लाशें इस कुएं में फिंकवा दिए थे। उसने ऐसा इसलिए किया था ताकि वह राजा बन सके। बहुतों का मानना है कि इसमें सम्राट अशोक का गुप्त खजाना रखा जाता था। हालांकि इस कुएं की असल सच्चाई अभी भी एक रहस्य बनी हुई है। इन सबसे अगल इस रहस्यमयी कुएं की एक बात सबके कान खड़े कर देती है कि यह कुआं कभी नहीं सूखता।

इस कुएं के बारे में यह भी मान्यता है कि चांद नाम के राजा ने इस कुएं में सुदर्शन नाम के एक जैन मॉन्क को फिंकवा दिया था। बाद में वह कमल पर बैठे तैरते पाए गए। अब इस कुएं को शादी या कई धार्मिक कामों के लिए शुभ माना जाता है। हिंदू लोग मानते हैं कि इसमे कई चमत्कारिक शक्तियां हैं।

कहा जाता है कि इस प्राचीन कुएं का पानी कभी नहीं सूखता और इतना ही नहीं बल्कि बाढ़ आने पर भी जलस्तर समान बना रहता है। हालांकि इस कुएं की वैज्ञानिक जांच से भी कुछ निकलकर सामने नहीं आया। पुरातात्विक सर्वेक्षण के अनुसार इस कुएं का निर्माण 273-232 ईस्वी में कराया गया था। कहा जाता है कि इस कुएं का पानी रंग भी बदलता है। एक कहानी के मुताबिक एक बार गंगा सागर में गिरी एक अंग्रेज की छड़ी इस कुएं में तैरती पाई गई थी। बताते हैं कि वह छड़ी आज भी कोलकाता म्यूजियम में रखी है।

बता दें कि इस कुएं के नाम ‘अगम’ का शाब्दिक अर्थ है पाताल, यानी पाताल से जुड़ा हुआ कुआं। कहा जाता है कि इस कुएं के अंदर और भी कई कुएं मौजूद हैं, 9 श्रृंखलाबद्ध और बाद में छोटे-छोटे कुएं। जानकारों का मानना है कि कुएं के सबसे अंत में एक गुप्त तहखाना है जहां सम्राट अशोक का खजाना गढ़ा है। कहा जाता है इस तहखाने से कई गुप्त सुरंगे बाहर की और जाती थीं। हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है इस विषय में कोई सटीक प्रमाण नहीं मिलता।

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