PATNA (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|
श्रेया की रिपोर्ट
ब्लैक फंगस के मरीज़ों को समय पर दवा नहीं मिल पा रही है। कारन, अस्पतालों को समय पर उपलब्ध नहीं हो रही है। जिस अस्पताल में 100 से अधिक मरीज़ भर्ती हैं, वहां एक बार में एम्फोटेरेसिन-बी के महज 300 वायल दिए जा रहें हैं। ऐसे में सभी मरीज़ों को इंजेक्शन देना संभव नहीं हो पाता है।
चिकित्सकों के मुताबिक, एक मरीज़ को 24 घंटे में पांच से छह डोज़ देनी होती है। यह मरीज़ के वजन पर भी निर्भर करता है। अगर इन डोज़ में गैप हुआ तो मरीज़ों का रिकवरी टाइम बढ़ जायेगा। यह इंजेक्शन मरीज़ को तीन सप्ताह तक दिया जाता है। लेकिन अब इंजेक्शन की किल्लत की वजह से प्राइवेट अस्पताल अब ब्लैक फंगस के मरीज़ों को भर्ती नहीं कर रहे हैं।
आपको बता दें की ब्लैक फंगस के सबसे अधिक मरीज़ आइजीआइएमएस और एम्स में भर्ती हैं। लेकिन दोनों ही अस्पतालों को दवा समय पर उपलब्ध नहीं हो रही है। मिली जानकारी के अनुसार एम्स ने अपने स्तर से श्रीलंका से 2150 वायल मंगवाया था। फिलहाल एम्स के पास पोसकोनोज़ल टेबलेट भी मौजूद है। जबकि आइजीआइएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच पूरी तरह से सरकारी सप्लाई पर आश्रित है।
मालूम हो की आइजीआइएमएस को अंतिम बार 300 वायल मिले थे, फिर शनिवार को 300 वायल मिला है। जबकि यहाँ पर अभी 98 मरीज़ भर्ती हैं। एनएमसीएच में 13 वायल ही बचे हैं, जो भर्ती मरीज़ों को रविवार को देने के लिए भी पर्याप्त नहीं है। अस्पताल प्रशासन ने विभाग को पत्र लिखकर 500 वायल देने की मांग की है।