औरंगाबाद के अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा को मातृ शोक

AURANGABAD (BIHAR NEWS NETWORK- डेस्क)|

● शिक्षा तथा समाज सेवा में रेबा सिन्हा का रहा विशिष्ठ योगदान

औरंगाबाद के अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा की माता तथा पूर्व जिला जज स्मृति शेष प्रियव्रत नारायण सिन्हा की धर्मपत्नी श्रीमती रेबा सिन्हा का पिछले सप्ताह निधन हो गया । वे 81 वर्ष की थीं। साठ के दशक में स्नातक तथा शिक्षक प्रशिक्षण में स्नातक करने वाली श्रीमती सिन्हा गणित और अंग्रेजी की बेहद जानकार शिक्षिका थी ।धार्मिक और सामाजिक कार्यों के अलावा जरूरतमंदों की सेवा में सदैव संलग्न रहने वाली श्रीमती सिन्हा ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करने के अलावा सामाजिक जागृति पैदा करने की दिशा में अग्रसर रहीं ।

वह अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गई हैं । उनके तीनों सुपुत्र आलोक कुमार , आशीष कुमार सिन्हा तथा अमिताभ सिन्हा बिहार प्रशासनिक सेवा के अपर समाहर्ता स्तर के अधिकारी हैं जबकि इनकी सुपुत्री रश्मि शिखा जिला एवं सत्र न्यायाधीश जैसे महत्वपूर्ण पद को सुशोभित कर चुकी हैं ।इनकी छोटी सुपुत्री रानी सुमिता राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री हैं । इनके पति स्मृति शेष प्रियव्रत नारायण सिन्हा 80 के दशक में औरंगाबाद में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के रूप में कार्यरत रहे और बाद में वे अन्य जिला में जिला एवं सत्र न्यायाधीश पद पर भी रहे ।

इनकी एक नतिनी सुश्री प्रणता ऐश्वर्या उत्तर प्रदेश के लखनऊ में भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के रूप में पदस्थापित हैं ।
श्रीमती सिन्हा के सुपुत्र अपर समाहर्ता आशीष कुमार सिन्हा ने बताया कि उनके तथा उनके भाई – बहनों की शिक्षा एवं मार्गदर्शन में माताश्री की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

श्रीमती रेबा सिन्हा के निधन पर सांसद सुशील कुमार सिंह, पूर्व सांसद वीरेंद्र कुमार सिंह, जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल, पुलिस अधीक्षक सुधीर कुमार पोरिका , उप विकास आयुक्त अंशुल कुमार , जिला परिवहन पदाधिकारी अनिल कुमार सिन्हा, अनुमंडल पदाधिकारी डॉ प्रदीप कुमार , अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अनूप कुमार, जिला जदयू अध्यक्ष विश्वनाथ सिंह, नबीनगर नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार सिन्हा, ग्लोबल कायस्थ कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय प्रवक्ता कमल किशोर , अजय वर्मा, जेपी सेनानी अजय कुमार श्रीवास्तव ,जिला नागरिक परिषद के अध्यक्ष सुभाष चंद्र त्रिवेदी आदि ने गहरा शोक व्यक्त किया है और कहा है कि शिक्षा तथा सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में श्रीमती सिन्हा के योगदान को हमेशा याद किया जाता रहेगा ।

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